बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी करीब सवा महीने बाद शुक्रवार को एक बार फिर राजधानी लखनऊ के लोगों के सामने थे. दो मार्च को लखनऊ में हुई रैली से शुक्रवार की रैली में अंतर यह था कि इस बार वे लखनऊ में नहीं बल्कि गुजरात से मुखातिब थे. मौका था एक बार टल चुकी मोदी की '3डी-भारत विजय रैली' का. इस रैली के लिए शाम छह से आठ बजे का समय तय था, पर मोदी मुखातिब हुए 7.28 पर.
रैली के लिए आलमबाग के टेढ़ी पुलिया पटेल पार्क में करीब 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी. शुरू में लग रहा था कि ये कुर्सियां भी खाली रह जाएंगी, लेकिन टीम मोदी ने मोदी की दस्तक से पहले के समय का उपयोग माहौल बनाने में किया. मनोज अवस्थी, सविता, शिवेंद्र तिवारी और सुरेश फक्कड़ के जोशीले गीतों ने समां बांध दिया और देखते-देखते सारी कुर्सियां भर गईं. काफी लोग खड़े भी नजर आए.
मोदी ने जब भाषण शुरू किया तो यह अंदाज लगाना मुश्किल था कि वे हजारों किमी दूर से यह भाषण दे रहे हैं. लोकसभा चुनाव में पहली बार लखनऊ के लोग इस तकनीक से रूबरू हुए. मोदी ने लोगों से दिल का नाता जोडऩे की कोशिश की. उन्होंने न सिर्फ लोगों की तकलीफें गिनाईं बल्कि शिक्षा, कुपोषण खत्म करने, स्वच्छता के लिए 500 शहरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, टूरिज्म थ्रू एंप्लाएमेंट के साथ डिजिटल इंडिया के अपने सपने का खाका खींचा.
प्रदेश में मोदी की इस थ्री-डी रैली का प्रसारण लखनऊ समेत 23 स्थानों पर हुआ. सिटीजंस फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस के सहयोग से संपन्न इस कार्यक्रम में सह प्रभारी बीजेपी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.