भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला तेज करते हुए उन पर यह आरोप लगाने के लिए पटना विस्फोट मुद्दा उठाया कि वह असंवेदनशील हैं और उन्होंने उस हमले की उचित जांच से ‘अहंकारपूर्वक’ इनकार कर दिया था. मोदी ने दावा किया कि पटना में विस्फोट के निशाने पर वह और भाजपा के अन्य नेता थे.
मोदी ने कहा कि गत सप्ताह जब पटना में उनकी रैली में बम फट रहे थे तो नीतीश ‘महफिल’ का लुत्फ उठा रहे थे. उन्होंने यह कहते हुए उनकी तुलना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से की कि सिंह ने इस वर्ष के मई में कांग्रेस की रैली पर नक्सली हमले के बाद स्थिति को बड़े संवेदनशील तरीके से संभाला.
मोदी ने कहा, ‘पटना में इतनी बड़ी घटना हो गई..वह राजगीर में एक महफिल में थे और वे..जदयू नेता शानदार भोजन का लुत्फ उठा रहे थे. जब उनसे कोई सुरक्षा चूक होने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उसे उन्होंने अहंकारपूर्वक खारिज कर दिया. किसी जांच का कोई उल्लेख नहीं था.’
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जगदलपुर के बाद जब कांकेर में बोलने पहुंचे तो सोनिया गांधी कोंडागांव में अपना भाषण खत्म कर चुकी थीं. इसलिए मोदी के भाषण में तमाम तेवर और जुमले तो वही थे, लेकिन कांग्रेस का विरोध कुछ और तीखा हो गया.
गुरुवार को अपने छत्तीसगढ़ दौरे की दूसरी रैली में मोदी ने 2जी और कोयला घोटाले के बहाने सोनिया गांधी पर पलटवार किया. उनके शब्द थे, 'आज मैडम भी छत्तीसगढ़ में हैं. वह बोलीं, कि हमारी पार्टी कुछ बोलती नहीं है करके दिखाती है. कोयला घोटाला, बोला था क्या? 2जी का बोला था क्या? मैडम आप बिना बोले सब कुछ कर देते हो. अच्छे-अच्छों का कर देते हो.'
'देश समझदार हो गया है मैडम'
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'पर आप जो बोलते हो वो नहीं करते. 100 दिन में महंगाई घटाने का वादा पूरा नहीं किया. मैडम ये देश बहुत समझदार है. पहले तो हमारे पुरखे आपके सारे झूठ को मान लेते थे. लेकिन अब देश का नौजवान जाग गया है. आपके खोखले वाले, झूठा प्रचार यह देश स्वीकार करने वाला नहीं है. मेहरबानी करके छत्तीसगढ़ के मतदाताओं की आंखों में धूल झोंकना बंद करो.'
मोदी ने एक बार फिर वादा किया कि केंद्र में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार काले धन की एक-एक पाई वापस लेकर आएगी.
'खंभे से कमल उतार दो, फर्क नहीं पड़ेगा'
भाषण के बीच में अचानक भीड़ को संबोधित करते हुए मोदी ने लोगों से झंडा नीचे करने को कहा, ताकि पीछे खड़े लोग भी मंच तक देख सकें. उन्होंने कहा, 'मैं गुजरात में रहूं या दिल्ली में, आपकी मुसीबत पहचान लेता हूं. यहां हर नागरिक के दिल में कमल है. खंभे पर से कमल उतारोगे तो फर्क नहीं पड़ेगा.'
'रमन सिंह हैं काबिल डॉक्टर'
एक ही तीर से छत्तीसगढ़ की पहली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए और रमन सिंह की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, 'जब छत्तीसगढ़ का जन्म हुआ तो उसको ऐसी मां मिली, पता नहीं क्या-क्या खाती थी. किस किसका खाती थी. छत्तीसगढ़ नाम का बच्चा जब तीन साल का हुआ तो उसे रौंद डाला. लगता था कि बच्चा जीएगा कि मर जाएगा. जीएगा तो जिंदगी भर मर जाएगा. लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ऐसे डॉक्टर को खोजकर ले आई, जिसने बच्चे की सारी बीमारियों को दूर किया और 10 साल में बच्चे को ताकतवर बना दिया.'
'टाटा-बिड़ला को नहीं सरकार की जरूरत'
जगदलपुर की तरह यहां भी मोदी के भाषण के केंद्र में गरीब, आदिवासी, दलित और पिछड़े ही रहे. विकास की राजनीति का नारा बुलंद करते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार की जरूरत गरीब आदमी को होती है. टाटा-बिड़ला को सरकार की जरूरत है क्या?'. छत्तीसगढ़ के सीएम की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा, 'रमन सिंह का जितना अभिनंदन करूं, उतना कम है. लेकिन उससे ज्यादा यहां के लोगों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का अभिनंदन करना चाहता हूं जिन्होंने कांग्रेस की बातों में आए बिना राज्य के भले के बारे में सोचा.'
'रमन सिंह को मिले हैं मनमोहन से पुरस्कार'
लगे हाथ मोदी ने यह भी याद दिलाया कि रमन सिंह ने सबसे ज्यादा मुश्किल परिस्थितियों में काम किया है और केंद्र की मनमोहन सरकार से पुरस्कार प्राप्त किए हैं. उन्होंने कहा, 'बहुत मुख्यमंत्री आते हैं, पर दिल में जगह बनाने वाले कम आते हैं. आज किसी भी छत्तीसगढ़ के आदमी से पूछ लो तो कहता है कि हमारा मुख्यमंत्री तो चावल वाला बाबा है.'
'हमसे पूछो गरीबी क्या है'
मोदी ने राहुल गांधी के बयान पर भी तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, 'वह कहते हैं कि गरीबी मन की अवस्था है. गरीबी में भूखे पेट सोना पड़ता है, नींद नहीं आती, क्या यह मन की अवस्था है? हम पैदा गरीबी में हुए. हमने जिंदगी गरीबी में बिताई. हमें मालूम है कि गरीबी क्या है. कांग्रेस के लोग 26 रुपये में पेट भरने की बात कहते हैं और ये वो लोग हैं जो फाइव स्टार होटलों में पीने के पानी पर 100 रुपये खर्च कर देते हैं'