नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश के लोगों को उनसे (कांग्रेस अध्यक्ष) किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि किसके इशारे पर इतालवी मरीनों को देश छोड़ने का मौका मिला था.
मोदी ने सोनिया की रविवार की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को देश के प्रति लोगों के प्रेम पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.
सोनिया ने कहा था, ‘कुछ लोग देशभक्ति का ढिंढोरा पीट रहे हैं.’ प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के उम्मीदवार ने दावा किया कि सोनिया ने लोगों की देशभक्ति पर सवाल उठाया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से यह स्पष्ट करने को कहा कि केरल के अपतटीय क्षेत्र में भारतीय मछुआरों को मारने के आरोपी दो इतालवी मरीनों को किसके इशारे पर देश छोड़ने की अनुमति मिली थी.
नरेंद्र मोदी ने पूछा, ‘यह कौन था जिसके इशारे पर दिल्ली की सरकार ने मरीनों को इटली वापस जाने का मौका दिया.’ उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कड़ा रूख नहीं अपनाया होता तो मरीन वापस नहीं आते.
इतालवी मरीन को इटली के चुनावों में भाग लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्वदेश जाने की इजाजत दी थी. हालांकि, जब इटली ने मरीनों को भारत वापस भेजने से इनकार कर दिया तो कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए इटली के राजदूत के भारत छोड़ने पर रोक लगा दी थी. बाद में इटली नरम पड़ा और मरीनों को फिर से भारत भेज दिया.
सोनिया ने रविवार को बीजेपी पर यह कहकर हमला बोला था कि ‘कुछ लोग देशभक्ति का ढिंढोरा पीट रहे हैं’ और जो लोग धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में विश्वास नहीं करते, वे लोगों को गुमराह कर सिर्फ ‘सत्ता हथियाना’ चाहते हैं.
मोदी ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि उसका घोषणापत्र ‘धोखापत्र’ है और पार्टी ने पिछले चुनावों में महंगाई को 100 दिन के भीतर कम करने का वायदा किया था, जो नहीं हो पाया.
दिल्ली में अरुणाचल प्रदेश के युवक नीडो तानिया की मौत का मुद्दा उठाते हुए मोदी ने कहा कि वह ऐसी घटनाओं से दुखी हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पूर्वोत्तर के दौरे में इस घटना का जिक्र तक नहीं किया.