12 मई को होने वाले अखिरी चरण के मतदान से पहले बनारस में बीजेपी और चुनाव आयोग के बीच भीषण भिड़ंत शुरू हो गई है. वाराणसी के बेनियाबाग में नरेंद्र मोदी की रैली को मंजूरी न दिए जाने से नाराज बीजेपी ने रिटर्निंग अफसर को हटाने की मांग करते हुए आज बीएचयू गेट पर सत्याग्रह का ऐलान कर दिया है.
'गंगा की पुकार' पर 24 अप्रैल को काशी से पर्चा दाखिल करने पहुंचे बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सोचा नहीं होगा कि अगली बार जब वो बनारस पहुंचेंगे, तो बड़ा संग्राम छिड़ चुका होगा.
12 मई के चुनाव से पहले आज मोदी अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं. लेकिन यहां की जमीन पर पांव पड़ने से पड़ने से पहले काशी के कुरुक्षेत्र में पूरा संग्राम छिड़ चुका है. बीजेपी के बड़े नेता मोदी के प्रचार की जगह सत्याग्रह की तैयारी कर रहे हैं.
काशी के सियासी संग्राम बुधवार को उस वक्त गर्म और तेज हो गई, जब वाराणसी के जिलाधिकारी ने सुरक्षा कारणों से शहर में मोदी के कार्यक्रमों को मंजूरी देने से मना कर दिया.
बीजेपी नेता अरुण जेटली के मुताबिक पांच अप्रैल को ही पार्टी ने मोदी के इन कार्यक्रमों की मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया था. लेकिन आरोप है कि जिलाधिकारी बीजेपी के आवेदन पर कुंडली मारकर बैठे रहे. बाद में जब बवाल बढ़ा, तो देर रात जिलाधिकारी ने बेनियाबाग की रैली को छोड़कर बाकी कार्यक्रमों को हरी झंडी दे दी. लेकिन, बीजेपी के मुताबिक तब तक उसके पास इतना वक्त बचा कि वो इन कार्यक्रमों को कर सके. लिहाजा पार्टी ने खुद अपने स्तर पर मोदी के तमाम कार्यक्रमों को रद्द कर दिया. अब मोदी आज सिर्फ रोहनिया में रैली करेंगे, जिसकी मंजूरी पहले मिल चुकी थी.
निर्वाचन अधिकारी को हटाने की मांग
बीजेपी ने इसके साथ ही वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी तथा जिला मजिस्ट्रेट प्रांजल यादव को तत्काल हटाए जाने की मांग की है, जिन्होंने देर रात कहा कि उन्होंने बीजेपी द्वारा मांगी गई पांच कार्यक्रमों की अनुमति में से चार के लिए इजाजत दी थी. हालांकि पार्टी ने इस कदम को नकारते हुए कहा कि यह अनुमति काफी देर से दी गई है.
बेनियाबाग में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को रैली की इजाजत नहीं दिए जाने को लेकर जहां बीजेपी ने आयोग पर हमला बोला है, वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी मोदी की सोमवार को अमेठी में आयोजित रैली के जवाब में यहां दस मई को एक रोड शो करेंगे. रोड शो के लिए चुनाव प्रशासन को आवेदन दिया गया है.
बीजेपी ने चुनाव आयोग पर मूकदर्शक बने रहने और मोदी को रैली आयोजित करने की मंजूरी नहीं देने संबंधी चुनाव अधिकारी की भूमिका पर ‘काफी पक्षपातपूर्ण’ होने का आरोप लगाया. निर्वाचन अधिकारी ने अपनी इस कार्रवाई के लिए संभावित सांप्रदायिक तनाव संबंधी खुफिया रिपोर्ट का हवाला दिया था.
भीड़भाड़ वाले बेनियाबाग इलाके में जहां बीजेपी ने रैली की अनुमति मांगी थी, वहां सांप्रदायिक तनाव का रिकार्ड रहा है और कानून व्यवस्था संबंधी घटनाएं होने की आशंका रही है. बीजेपी इस बात पर जोर दे रही थी कि वह इसी स्थान पर रैली आयोजित करेगी, कहीं और नहीं.
धरना पर बैठेंगे पार्टी के दिग्गज
वाराणसी के चुनाव अधिकारी प्रांजल यादव को तत्काल हटाये जाने की मांग करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि वे, अमित शाह और अन्य नेता बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के बाहर और दिल्ली में चुनाव आयोग के बाहर धरना देंगे. जेटली ने निर्वाचन आयोग को तीन लंबे-चौड़े पत्र लिखकर सवाल किया है कि क्या चुनाव आयोग निर्वाचन अधिकारी के आचरण को चुपचाप स्वीकार कर रहा है.
अपने चौथे पत्र में जेटली ने ऐलान किया कि पार्टी शहर के बाहरी इलाके रोहनिया में रैली के बाद मुख्य कार्यालय में मोदी के दौरे के अलावा मंदिरों के शहर में उनके गुरुवार के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘इन हालात में बीजेपी वाराणसी में तीन कार्यक्रमों में से कोई भी आयोजित नहीं करेगी.’
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए क्षेत्र में डेरा डाले जेटली ने तीन सदस्यीय चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब कमजोर लोग उच्च पदों पर हों, तब लोकतंत्र खतरे में आ जाता है.’ जेटली ने कहा, ‘यदि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल वाराणसी में रोड शो और पूजा कर सकते हैं, वहीं हमारे उम्मीदवार को रैली की अनुमति से इनकार किया जा रहा है.’
बहुत देर से दी गई इजाजत: बीजेपी
बीजेपी और चुनाव आयोग के बीच इस 'जंग' के बीच वाराणसी जिला प्रशासन ने देर रात मोदी के चार कार्यक्रमों को अनुमति दे दी, लेकिन बीजेपी ने इसे ठुकराते हुए कहा कि अनुमति बहुत देर से दी गई है.
इस विवाद के बाद बीजेपी ने कहा कि वह जिला प्रशासन के ‘पूर्वाग्रहपूर्ण’ आचरण के कारण मोदी की रैली तथा गंगा आरती को रद्द करने को बाध्य हो गई है. बहरहाल, चुनाव अधिकारी ने कहा कि बीजेपी के एक नेता के आवेदन के आधार पर मोदी को वैकल्पिक स्थान पर रैली आयोजित करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों के साथ बैठक और गंगा पूजन समेत मोदी के अन्य कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा, ‘वे जानबूझकर इसे मुद्दा बना रहे हैं.’
वाराणसी में 12 मई को मतदान से जुड़ी सरगर्मी तेज होने के बीच बीजेपी ने आरोप लगाया कि वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव अधिकारी के पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करने के कारण पार्टी को रैली रद्द करने को बाध्य होना पड़ा है.
मोदी अब रोहनिया क्षेत्र में रैली के बाद मोटर काफिले में शहर से गुजरेंगे, जबकि अरुण जेटली व अमित शाह बीएचयू के सामने लंका गेट पर धरने पर बैठेंगे. मोदी शहर से होते हुए सिगरा क्षेत्र में पार्टी के चुनाव कार्यालय जाएंगे और उसके बाद हवाई अड्डे के लिए रवाना होंगे. बीजेपी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी और हषर्वर्धन चुनाव आयोग के सामने धरने पर बैठेंगे.