अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर वोटरों के सांप्रदायिक ध्रुविकरण की कोशिश करने का आरोप लगाया है. ओवैसी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो मुसलमानों और पिछड़ों के बीच मनमुटाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी अगर सच में मुसलमानों के लिए आरक्षण को लेकर गंभीर थी तो वह बॉम्बे हाई कोर्ट के उस बयान को तवज्जो क्यों नहीं देती, जिसमें मुसलमानों को शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा बताया गया है.'
ओवैसी ने नीतीश, लालू और कांग्रेस पर भी निशाना साधा है. उन्होंने राज्य के सीमांचल क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए इन तीनों को जिम्मेदार ठहराया है. ओवैसी ने कहा कि पिछली सरकारों ने इस इलाके के लोगों को नजरअंदाज किया है और यहां के लोग विकल्प की तलाश में हैं. इसलिए उन्हें यहां की सीटें जीतने का भरोसा है.
यह पूछे जाने पर कि क्या दादरी जैसी घटनाओं का बिहार चुनाव पर असर पड़ेगा, ओवैसी ने कहा कि यहां के लोग पिछले कुछ वक्त से देश में हुई हिंसक घटनाओं से वाकिफ हैं और उनका असर यहां दिखेगा.
यहां बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में मुस्लिम बहुल सीमांचल में चुनाव 5 नवंबर को होने हैं. एआईएमआईएम ने पिछले महीने सीमांचल क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. सीमांचल में कुल 24 सीटें हैं, लेकिन एआईएमआईएम सिर्फ 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें रानीगंज से अमित पासवान, किशनगंज से तसीरूद्दीन, कोचायधामन से अख्तारूल इमान, अमौर से नवाजिश आलम, वायसी से गुलाम सरवर और बलरामपुर से मो. आदिल उनकी पार्टी के उम्मीदवार हैं.