बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को वाराणसी के बेनियाबाग इलाके में रैली की इजाजत नहीं मिली. लेकिन रोहनिया इलाके में गुरुवार को उन्होंने चुनावी रैली को संबोधित किया. इससे कुछ देर पहले ही अरुण जेटली और अमित शाह जैसे बड़े भाजपाई नेताओं की अगुवाई में स्थानीय चुनाव अधिकारी को हटाने को लेकर शहर में चल रहा धरना खत्म हुआ था..
विपक्षी पार्टियां वाराणसी में बीजेपी के प्रदर्शन को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश बता रही हैं, लेकिन मोदी ने कहा कि विकास ही उनका एकमात्र एजेंडा है और वह इसीलिए वाराणसी आए हैं.
मां-बेटे की सरकार नहीं दे सकती सुरक्षा?
रैली की इजाजत को लेकर उठे विवाद पर मोदी ने कहा, 'मैं माओवादियों और
आतंकवादियों के इलाकों में भी गया, वहां तो सुरक्षा को लेकर कोई दिक्कत
नहीं आयी, वाराणसी में सुरक्षा की दिक्कत कैसे आ गई.' उन्होंने कहा, 'अगर
मां-बेटे की सरकार एक इंसान को सुरक्षा नहीं दे सकती, तो मैं मरने को
तैयार हूं.'
मोदी ने एक बार फिर 'काशी टूरिज्म' को बढ़ावा देने की बात कही. गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक के रूप में उन्होंने दिवंगत शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान का जिक्र करने से भी गुरेज नहीं किया, जिनके परिवार ने उनका प्रस्तावक बनने से इनकार कर दिया था. मोदी ने कहा, 'अभी अभी आपने फिल्म देखी, साबरमती को हमने कैसे बदल दिया है. गंगा भी बदल सकती है. सवा सौ करोड़ देशवासियों की हजारों साल पुरानी आस्था का केंद्र गंगा है. यह गंगा कैसे मैली हो सकती है. बिस्मिल्लाह खान ने भी इसे देखकर कहा था कि मैं गंगा छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा.'
'भारत मां की पूर्वी बांह कमजोर है'
नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल आने का कारण बताते हुए कहा, 'विकास के सिवाय मेरा कोई एजेंडा नहीं है.
मुझे विकास क्यों करना है, इसका भी कारण है. आप भारत माता का चित्र देखिए, हिंदुस्तान का नक्शा देखिए. अगर इसे पूर्व और पश्चिम, दो हिस्सों में बांटें तो पाएंगे कि पश्चिम में काफी विकास हुआ है. लेकिन पूर्व में ओडिशा, नॉर्थ ईस्ट, बंगाल, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे इलाके हैं, जहां कम विकास हुआ है. ऐसे में भारत मां की एक भुजा मजबूत दिखती है, पर दूसरी नहीं. मेरा पूर्वांचल दुर्बल है, मेरा काशी क्षेत्र दुर्बल है. मेरा असम, ओडिशा, बिहार दुर्बल है. मुझे उसे ठीक करना है.'
'गाली-गलौज करने वालों पर नहीं करूंगा वक्त बर्बाद'
किसी का नाम लिए बिना मोदी ने विरोधियों को भी संकेत दिया. वाराणसी को 'राष्ट्रगुरु' बनाने का भरोसा देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं आया हूं आपकी समस्याओं से जूझने के लिए. यहां की स्थितियों को बदलने के लिए. मुझे विकास का अवसर दीजिए. मुझे गाली गलौज करने वाले झूठे आरोप लगाने वालों पर वक्त बर्बाद नहीं करना. न ही जिंदगी तबाह करनी है. मुझे तो आपके लिए काम करना है.'
'मैं नहीं करता जाति की राजनीति'
पिछड़े वोटरों पर डोरे डालते हुए नरेंद्र मोदी ने अपना दल के संस्थापक और दिवंगत नेता सोनेलाल पटेल का जिक्र किया और उनकी बेटी अनुप्रिया को 'बहन' कहकर संबोधित किया. उन्होंने एक बार फिर सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा की प्रस्तावित योजना का जिक्र किया. गौरतलब है कि अनुप्रिया की अध्यक्षता वाला अपना दल उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है.
हालांकि इसी भाषण में बाद में मोदी बोले कि उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की, बल्कि विकास की राजनीति की है. कुछ दिन पहले प्रियंका गांधी के बयान के बाद खुद को पिछड़ा बताने वाले मोदी ने कहा, 'जो लोग पहले चायवाले के पीछे पड़े थे वे अब मोदी की जाति जानने को आतुर हैं.'
'बुनकर उद्योग को एक साल में चमका दूंगा'
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार ने एक बार फिर गुजरात का उदाहरण देते हुए बुनकरों से वाराणसी के साड़ी उद्योग को चमकाने का वादा दोहराया. उन्होंने कहा, 'हिंदुस्तान में सूरत के सिल्क उद्योग और हैंडलूम की चर्चा होती है, कम लोगों को पता है कि ये बनारस के लोगों ने सूरत वालों को सिखाया है. आज भी सूरत में एक बनारस मोहल्ला है. मैं वादा करता हूं कि एक साल के अंदर बनारस में बुनकर उद्योग को चमका दूंगा.' गौरतलब है कि वाराणसी में बुनाई का ज्यादातर काम गरीब मुसलमान तबका करता है.