बीजेपी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अगर देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो अमेरिका में 9 साल से उन पर लगा वीजा प्रतिबंध अपने आप ही हट जाएगा. इतना ही नहीं उन्हें राजनयिक छूट भी मिलेगी.
अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं. 'कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस' ने अमेरिकी सांसदों को लिखे पत्र में कहा कि मोदी को उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के प्रमुख दावेदारों में से एक माना जाता है. अगर मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह अपने दौरों के किसी भी उद्देश्य के लिए राष्ट्र के प्रमुख के तौर पर ए1 (राजनयिक) वीजा पाने के खुद ब खुद योग्य हो जाएंगे.
वर्ष 2005 में अमेरिका ने 2002 गुजरात दंगों के चलते मोदी को वीजा देने से इनकार किया था और इसके बाद से उसने अपना फैसला बदला नहीं. 7 पेज की रिपोर्ट 'वीजा पॉलिसी: द केस ऑफ नरेंद्र मोदी' को अमेरिकी कांग्रेस की निष्पक्ष शाखा सीआरएस ने तैयार किया.
इस रिपोर्ट को बनाने का अनुरोध कई सांसदों ने किया जिसमें ज्यादातर वे शामिल थे जो मोदी को अमेरिकी वीजा देने का विरोध करते हैं. सीआरएस की रिपोर्ट और नजरिया कांग्रेस या अमेरिकी सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है.