चुनावी नतीजों के बाद सर्द पड़े जम्मू कश्मीर में सरकार की सुगबुगाहट तेज हो गई है. नेशनल कांफ्रेस पीडीपी का साथ देने को तैयार है. पार्टी ने इस बाबत राज्यपाल को समर्थन की चिट्ठी भी सौंप दी है.
जम्मू कश्मीर में एक नये राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नेशनल कांफ्रेंस ने राज्यपाल एनएन वोहरा को पत्र लिख कर सरकार गठन के लिए पीडीपी को समर्थन देने की आज औपचारिक पेशकश की. इससे तीन हफ्तों से चला आ रहा गतिरोध खत्म हो सकता है.
एनसी के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'एनसी ने राज्यपाल वोहरा साहब को पत्र लिखकर पीडीपी को समर्थन देने की पेशकश दोहराई है और उनसे विधानसभा के बारे में कोई फैसला करने से पहले हमें बुलाने को कहा है.'
पार्टी ने एक बयान में कहा है कि अब्दुल्ला ने वोहरा से मौजूदा विधानसभा के भविष्य के बारे में और सरकार गठन में इसकी व्यवहार्यता के बारे में कोई आखिरी फैसला करने से पहले पार्टी नेतृत्व से परामर्श करने का अनुरोध किया है.
जम्मू प्रांतीय अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह राणा ने आज दोपहर वोहरा को पत्र सौंपा. एनसी कोर ग्रुप की श्रीनगर में कल हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. पत्र में कहा गया है, हालांकि, पीडीपी के किसी निर्णय पर नहीं पहुंचने के चलते राज्य में पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध ने चुनाव प्रक्रिया में जम्मू कश्मीर के लोगों के बढ़ चढ़ कर भाग लेने के बावजूद राज्यपाल शासन लगाए जाने और राज्य विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखे जाने का रास्ता साफ हुआ.
उधर, पीडीपी के प्रवक्ता ने कहा कि ताजा घटनाक्रम पर पार्टी एक उपयुक्त मंच पर गौर करेगी. पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने बताया, 'हम पार्टी के उपयुक्त मंच पर इस घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे और चर्चा के बाद प्रतिक्रिया जाहिर करेंगे.' सरकार गठन को लेकर पीडीपी के बीजेपी के साथ बातचीत करने पर अख्तर ने कहा कि परोक्ष संपर्क प्रगति पर है.
आपको बता दें कि पिछले महीने आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में खंडित जनादेश आया था. 87 सीटों वाली राज्य विधानसभा में पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी जबकि बीजेपी को 25, एनसी को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली. पीडीपी और बीजेपी के बीच बातचीत चली लेकिन चुनाव नतीजे आने के तीन हफ्ते बाद भी कोई समझौता नहीं हो सका जिसके चलते राज्य में राज्यपाल शासन लगाना पड़ा.
इससे पहले आज दिन में उमर ने कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव के लिए कश्मीर से पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने सरकार गठन को लेकर बीजेपी से हाथ नहीं मिलाने के पार्टी के रूख से सहमति जताई है.