केंद्रीय कृषि मंत्री और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने स्याही मिटाकर दो बार मतदान करने संबंधी अपने विवादास्पद बयान पर बुधवार को गहरा खेद प्रकट किया और चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि इस मामले को खत्म माना जाए. चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा था कि पवार ने अपनी बयान से प्रथमदृष्टया आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और आयोग ने उन्हें इस संबंध में नोटिस जारी किया था.
चुनाव आयोग के 'कारण बताओ नोटिस' का जवाब देते हुए पवार ने कहा कि लोगों से स्याही मिटाकर दोबारा मतदान करने के संबंध में उनकी टिप्पणी मजाक में की गई थी. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने बीजेपी नेता किरीट सोमैया के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने लोगों से महाराष्ट्र में एक से अधिक चरणों में मतदान का फायदा उठाते हुए दो बार वोट डालने को कहा था. सोमैया ने पवार के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी.
पवार ने आयोग को अपने जवाब में कहा कि उन्होंने जिन लोगों को संबोधित किया था, वे शहरों में काम करते हैं लेकिन उनके परिवार सामान्य तौर पर गांवों में रहते हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री के मुताबिक उन्होंने केवल इस बात पर जोर दिया था कि जो लोग गांवों में पंजीकृत हैं उन्हें वहां वोट देना चाहिए और जो शहर में मतदाता हैं उन्हें वहां अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए.
पवार ने कहा कि उन्होंने किसी चुनावी रैली में यह बयान नहीं दिया था और यह राजनीतिक बयान भी नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके बयान से हुई गलतफहमी और संशय की स्थिति के लिए वह खेद प्रकट करते हैं.