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अपने जैविक बेटे रोहित शेखर के लिए एनडी तिवारी चाहते हैं लोकसभा चुनाव का टिकट

छह साल लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद रोहित शेखर को अपना बेटा मानने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी ने लग रहा है अब दिल से उन्हें अपना लिया है. इसीलिए राजनीति में भी अपने बेटे रोहित शेखर का करियर बनाना चाहते हैं.

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File Photo: एन डी तिवारी अपने बेटे रोहित शेखर के साथ
File Photo: एन डी तिवारी अपने बेटे रोहित शेखर के साथ

छह साल लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद लगता है वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी ने रोहित शेखर को अपना बेटा माना और अब लग रहा है कि उन्हें अपना भी लिया है. और इसीलिए वो राजनीति में भी अपने बेटे रोहित शेखर का करियर बनाना चाहते हैं. खबर है कि एनडी तिवारी अपना बेटा मान चुके रोहित शेखर के लिए लोकसभा चुनाव का टिकट चाहते हैं.

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सूत्रों की माने तो इस बाबत तिवारी जी ने 10 जनपथ से सिफारिश की है कि उनकी सोनिया गांधी के साथ मीटिंग कराई जाए. नैनीताल की लोकसभा सीट को लेकर तिवारी सोनिया गांधी से मुलाकात करना चाहते हैं. तिवारी अपने बेटे रोहित शेखर के लिए ये सीट चाहते हैं.

गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में एनडी तिवारी ने सबसे सामने कबूल किया था कि रोहित शेखर उनके जैविक बेटे हैं. इस मसले पर बरसों चली कोर्ट की सुनवाई के बाद 3 मार्च को ये ऐलान हुआ था. कोर्ट ने तब तिवारी से मामले को मध्यस्था के जरिए शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने को कहा था.

तिवारी के ऐलान के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी, जिसमें कांग्रेसी नेता ने पत्रकारों के सामने भी अपनी बात दोहराते हुए कहा कि रोहित शेखर मेरा बेटा है. क्या वह आपका उत्तराधिकारी भी है, इस सवाल पर कुछ देर चुप्पी के बाद एनडी तिवारी ने तीन बार 'हां' कहा. इस दौरान रोहित शेखर ने उनके पैर छुए. सिर झुकाकर प्रणाम किया था. तिवारी ने रोहित के गाल पर हाथ फेरकर कहा था, मैं चाहता हूं कि रोहित मेरे साथ रहे.

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