महाराष्ट्र में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की संभावना के बाद बीजेपी मुख्यालय में सरगर्मी शुरू हो गई है. पार्टी अपने सभी बड़े नेताओं को विचर मंथन करने दे रही है ताकि वहां मिली जुली सरकार बनाई जा सके. पार्टी चाहती है कि वह अपने पुराने दोस्त शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाए लेकिन अभी तुंरत यह आसान नहीं दिखता है. इसलिए पार्टी ने नितिन गडकरी को यह कठिन कार्य सौंपा है.
गडकरी के शिवसेना से बहुत पुराने संबंध हैं. वे बाला साहब ठाकरे के भी करीबी थे और उद्धव से भी उनके अच्छे रिश्ते रहे हैं. पार्टी अब उनके माध्यम से अपनी बात मातोश्री पहुंचा रही है. नितिन गडकरी महाराष्ट्र के उन नेताओं में रहे हैं जिन्हें वहां एनडीए के शासनकाल में मंत्री पद मिला. हंसमुख स्वभाव के गडकरी अच्छे वार्ताकार साबित हो सकते हैं.
लेकिन जानकारों का कहना है कि इस दिशा में पंकजा मुंडे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. उनके पिता मातोश्री के सबसे निकटतम बीजेपी नेताओं में थे. उनका ठाकरे परिवार से सीधा संबंध था. अब उनकी बेटी पंकजा मुंडे के भी उनसे बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं. अगर वह बातचीत करती हैं तो यह सार्थक होगी.
जानकारों का यह भी मानना है कि अगर बीजेपी ईगो से बाहर निकल जाए तो देवेन्द्र फड़नवीस भी मातोश्री जाकर बातचीत कर सकते हैं. दरअसल शिवसेना को भी बीजेपी की इस समय जरूरत है. वहां पालिका में सत्ता में बने रहने के लिए जरूरी है कि वह बीजेपी से हाथ मिलाए रखे. पालिका शिवसेना के लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि वह उससे शक्ति पाती है. एक क्षेत्रीय पार्टी के लिए यह जरूरी है, इसलिए वह बीजेपी से बातचीत करेगी लेकिन अपनी शर्तों पर.