बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ बीजेपी के घालमेल को जनता नकारेगी. अपने फेसबुक पर नीतीश ने बीजेपी से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा ‘बिहार में हुंकार और महाराष्ट्र में आभार’. बिहार के लोग इसका हर तरीके से विरोध करेंगे.
उन्होंने कहा कि आज बीजेपी के नेता बिहार का अपमान करने वालों से और बिहारियों को जलील करने वालों के साथ घालमेल कर रहे हैं. नीतीश ने कहा कि देश को तोड़ने का प्रयास करने वाले ऐसे नेताओं के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं होनी चाहिए पर बीजेपी इन्हें दिल्ली में बिठाना चाहती है. ये सांप्रदायिकता और क्षेत्रीय सामन्तवाद का नृशंस घालमेल है. जनता इसे नकारेगी.
सुशील मोदी ने पूछा, राज के सामने घुटना क्यों टेका
वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश को बिहारी अस्मिता और स्वाभिमान की थोथी बातें करने वाला बताते हुए उनपर वर्ष 2012 में मुंबई में आयोजित बिहार दिवस कार्यक्रम मे भाग लेने के लिए एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के सामने घुटना टेकने का आरोप लगाया.
उन्होंने दावा किया कि राज ठाकरे द्वारा बिहार दिवस कार्यक्रम का विरोध किए जाने पर नीतीश कुमार ने उनसे टेलीफोन पर बात कर मुंबई आने को अनुमति ली थी. उसके बाद मुंबई अपना दूत भेजकर राज ठाकरे का मान-मनौव्वल किया था.
सुशील ने दावा किया कि राज ठाकरे की शर्तों, मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा और कोई नहीं रहेगा तथा राजनीतिक भाषण नहीं होगा को स्वीकार करके मुख्यमंत्री वहां गए थे. उस समय नीतीश कुमार का बिहारी स्वाभिमान क्यों नहीं जगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी का एमएनएस से कोई गठबंधन या समझौता नहीं हुआ है. महाराष्ट्र में तो बीजेपी का गठबंधन वर्षों पूर्व से शिवसेना के साथ है.
मोदी ने कहा कि शिवसेना के साथ बीजेपी का गठबंधन उस समय भी था जब नीतीश कुमार बीजेपी नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार में मंत्री थे और उनके साथ शिवसेना के लोग भी थे.
उन्होंने कहा कि एमएनएस ने तो बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ महाराष्ट्र में अपना उम्मीदवार खड़ा किया है ऐसे में नीतीश कुमार का यह आरोप महज प्रलाप है कि बिहारियों का अपमान करने वाली एमएनएस बीजेपी के साथ आ गयी है. दरअसल यह मतदाताओं में भ्रम पैदा करने की उनकी कुत्सित कोशिश है.
सुशील ने कहा कि कांग्रेस शासित प्रदेशों महाराष्ट्र और असम में पूर्व में बिहारियों की पिटाई कर उन्हें खदेड़े जाने के बावजूद उसी कांग्रेस के सहयोग से नीतीश बिहार में पिछले नौ महीने से अपनी सरकार चला रहे हैं.