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थाली पीटकर नीतीश ने शुरू किया विशेष राज्य के दर्जे के लिए सत्याग्रह

अपनी मांग के लिए मुख्यमंत्रियों का आन्दोलन नए-नए रंगों में सामने आ रहा है. केजरीवाल ने अपनी मांग के लिए सड़क पर रात गुजारी, किरण रेड्डी ने दिल्ली में धरना दिया, अब बारी नीतीश कुमार की है जिन्होंने नायाब तरीके से अपने आन्दोलन का आगाज किया.

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थाली पीटते नीतीश कुमार
थाली पीटते नीतीश कुमार

अपनी मांग के लिए मुख्यमंत्रियों का आन्दोलन नए-नए रंगों में सामने आ रहा है. केजरीवाल ने अपनी मांग के लिए सड़क पर रात गुजारी, किरण रेड्डी ने दिल्ली में धरना दिया, अब बारी नीतीश कुमार की है जिन्होंने नायाब तरीके से अपने आन्दोलन का आगाज किया.

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शनिवार की रात नीतीश कुमार ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए पहले थाली पीटी, फिर साथियों के साथ नारेबाजी की और अब रविवार को पैदल मार्च कर गांधी मूर्ति पर धरना भी देंगे.

अपनी मांगों के लिए किसी मुख्यमंत्री को थाली पीटते किसी ने शायद ही देखा हो, लेकिन शनिवार शाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने साथियों के साथ लगातार 5 मिनट तक थाली पीटते रहे ताकि उनके थाली की गूंज दिल्ली तक सुनाई दे सके.

चुनाव की बेला में, दिल्ली को ये गूंज भले ना सुनाई दे पर कोशिश है कि उनके वोटरों तक थाली की आवाज जरूर पहुंच जाए. थाली पीटकर नीतीश ने कहा कि उनकी इस थाली की गूंज दिल्ली तक जरूर सुनाई देगी और केन्द्र सरकार को उनके विशेष राज्य के दर्जे की मांग को सुनना होगा. थाली पीटने के बाद नीतीश ने कहा कि इसका उद्देश्य यही है इसकी गूंज दिल्ली तक जाए, हर जगह से थाली पीटी गई है तो इसकी गूंज सुनाई देगी और इसका असर पैदा होना चाहिए.

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इमरजेंसी के दौरान जेपी के अनुयायियों ने थाली पीटकर इंदिरा के खिलाफ अलख जगाया था, सो नीतीश उसी हिट फॉर्मूले को एकबार फिर अपना रहे हैं. यूं तो विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर आंदोलन थोड़ा ठंडा पड़ चुका था. लेकिन सीमान्ध्र को मिले दर्जे के बाद नीतीश कुमार को तो जैसे ऑक्सीजन मिल गया. नीतीश कुमार ने सवाल उठाया, जब सीमान्ध्र को 24 घंटे में मिल सकता है तो बिहार को क्यों नहीं. नारेबाजी के बाद नीतीश कुमार ने केन्द्र पर जमकर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा, 'जब आप 24 घंटे में दे सकते हैं, अगले 24 घंटे में हमें भी दे सकते हैं.

सीमान्ध्र को आपने 24 घंटे में दे दिया, हमे कोई एतराज नहीं है पर हमारी इतनी पुरानी मांग है तो ये अन्याय आप नहीं कर सकते. किसी को 24 घंटे में देते हैं, हमारी इस मांग को तार्किक तरीके से रखने और लंबे संघर्ष के बावजूद आपने इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया.'

अबतक विशेष राज्य के दर्जे को कांग्रेस के साथ चुनावी गंठबंधन से जोड़कर देखा जा रहा था. हालांकि कल तक विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर कांग्रेस के साथ भी हाथ मिलाने को तैयार नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि अब राजनैतिक गठबंधन के रास्ते बंद हो चुके हैं, पर केन्द्र सरकार को विशेष राज्य के दर्जे पर उनकी सुननी ही होगी. नीतीश कुमार इस मुद्दे पर रविवार सुबह अपने बंगले से 4 किलोमीटर पैदल मार्च कर गांधी मैदान जाएंगे जहां शाम तक गांधी मूर्ति के नीचे धरने पर बैठेंगे ताकि उनकी विशेष राज्य़ के दर्जे की मांग पर बिहार मे एक माहौल बन सके.

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