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किसी भी कीमत पर BJP के साथ नहीं जाएगी BJD: नवीन पटनायक

ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक ने बीजेपी से गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया. इंडिया टुडे ग्रुप से एक्सक्लूजिव बातचीत में उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की बात दोहराई.

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Naveen Patnaik
Naveen Patnaik

ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक ने बीजेपी से गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया. इंडिया टुडे ग्रुप से एक्सक्लूजिव बातचीत में उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की बात दोहराई.

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ताजा बातचीत में ओडिशा के मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी की कथित लहर को खारिज कर दिया. उन्होंने साफ कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार न होने की स्थिति में भी वह एनडीए से नहीं जुड़ते.

आत्मविश्वास से लैस पटनायक
फैलिन ने भले ही ओडिशा में भारी तबाही फैलाई हो, लेकिन प्रदेश में नवीन पटनायक का आत्मविश्वास और भी मजबूत हुआ है. उन्हें भरोसा है कि राहत और बचाव के काम से उनकी पार्टी की भरोसेमंद छवि और मजबूत हुई है. हालांकि उन्हें लगता है कि अगर कोई उन्हें टक्कर दे सकता है, तो वह यूपीए ही है. उन्होंने कहा, 'हमारे चुनावी प्रचार का मुख्य निशाना यूपीए है क्योंकि फैलिन की तबाही थमने के बाद भी किसी कांग्रेसी ने राज्य का दौरा कर लोगों का हाल लेने की जरूरत नहीं समझी. यही नहीं कांग्रेस ने हमारी मांगों को भी नजरअंदाज किया'.

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चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा की स्थिति और ममता बैनर्जी के प्रयास भी बहुत मजबूत नजर नहीं आ रहे हैं. फिर भी नवीन पटनायक को भरोसा है कि चुनाव के बाद केंद्र में सरकार बनाने में क्षेत्रीय पार्टियां ही अहम किरदार निभाएंगी.

ओडिशा में एक साथ होंगे दोनों चुनाव
ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा के भी चुनाव होने हैं. 21 लोकसभा सीटों के लिए और 147 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ वोट डाले जाएंगे. वोटिंग 10 और 17 अप्रैल को होनी है. नवीन पटनायक को राज्य में चौथी जीत का भरोसा है तो केंद्र में भी ज्यादा सांसद चुनकर आने की उम्मीद है. उनका दावा है, 'बीजेडी न सिर्फ राज्य में एक बार फिर साफ और पारदर्शी सरकार लाने वाली है बल्कि केंद्र में कई सांसद देने जा रही है. यहां मोदी की कोई लहर नहीं है और हम इसे साबित कर देंगे'.

2004 में साथ-साथ चुनाव लड़े थे BJD-BJP
बीजेडी के कई नेता कोयला घोटाले में आरोपी हैं. फिर भी वह पूरे लाव-लश्कर के साथ चुनावी मैदान में हैं. इरादा साफ है कि पार्टी के आका की दागदार छवि के जरिये केंद्र और राज्य दोनों जगह स्थिति मजबूत की जाए. गौरतलब है कि 2004 का लोकसभा चुनाव बीजेडी ने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था. तब उसे 11 सीटें मिली थीं. लेकिन एनडीए से अलग होने के बाद से बीजेडी ने कांग्रेस-बीजेपी दोनों से दूरी बना रखी है. नवीन पटनायक ने पिछले साल यह भी कहा था कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने को लेकर वह 'सहज' नहीं हैं.

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