नई सरकार बनने के बाद आप टैक्स में राहत और छूट की उम्मीद कर सकते हैं. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में इसका वादा किया है. हालांकि इस बार उसके घोषणा पत्र में 2009 की तरह लंबे-चौड़े वादे नहीं हैं लेकिन फिर भी पार्टी ने टैक्स दरों को कम करने की बात कही है.
पार्टी ने कहा है कि वो टैक्सों को सरल बनाएगी और उन्हें जनता के लिए अच्छा बनाएगी. यह जानकारी एक आर्थिक समाचार पत्र ने दी. अखबार के मुताबिक हालांकि सरकार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है फिर भी सरकार महंगाई से जूझती जनता खासकर मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास को टैक्स में राहत देगी. टैक्स देने वालों के टैक्स स्लैब में बदलाव होगा और सेक्शन 80 सी के तहत डिडक्शन लिमिट को बढ़ाया जाएगा. इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी.
मोदी सरकार के सामने समस्या यह होगी कि उनके पास राजस्व कम होगा और टैक्स में छूट देने के लिए टैक्स वसूली पर जोर लगाना होगा. वैसे इनकम टैक्स विभाग ने इस दिशा में सख्ती करनी शुरू कर दी है, लेकिन यह नौकरी पेशा वर्ग पर ही अपना डंडा ज्यादा चला रहा है क्योंकि उसके पास कारोबारियों की तरह भागने का रास्ता नहीं है.
ऐसा अंदाजा है कि नई सरकार वर्तमाम इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई या तीन लाख रुपये तक कर सकती है. इसी तरह वह सेक्शन 80 सी की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर डेढ़ या दो लाख रुपये तक कर सकती है. रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़ी स्कीमों को बढ़ाकर एक लाख रुपये तक किया जा सकता है.