विकास के मुद्दे और इलाके के एक कब्रिस्तान को लेकर जारी बहस के बीच दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र में रोमांचक चुनावी मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां एक गुर्जर प्रत्याशी के साथ आठ मुस्लिम प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला दो बार कांग्रेस विधायक रहे आसिम मोहम्मद खान और AAP प्रत्याशी अमानतुल्ला खान के बीच ही नजर आ रहा है.
इस विधानसभा क्षेत्र के 2 लाख 80 हजार मतदाताओं में से लगभग 60 फीसदी मुस्लिम हैं. 2013 के चुनाव में आसिफ ने AAP के इरफानुल्लाह खान को 26,000 मतों के भारी अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की थी. आसिफ इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि उन्हें ज्यादातर मुसलमानों का समर्थन हासिल है जो बटला हाउस मुठभेड़ मामले में उनके साथ खड़े थे.
वैसे इस बार बटला हाउस मुठभेड़ मामला पीछे रह गया है. इसके बजाय, बटला हाउस कब्रिस्तान के सौंदर्यीकरण का मसला मुख्य मुद्दा हो गया है और इसे लेकर विरोधी दल एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ऐसा लगता है कि आसिफ के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में, 2013 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले AAP प्रत्याशी अमानतुल्ला ने कुछ सेंध लगा दी है.
बीजेपी ने पिछले महीने पार्टी से जुड़ने वाले राज्य में बीएसपी के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्म सिंह बिधूड़ी को मैदान में उतारा है. ओखला से पिछला विधानसभा चुनाव BJP से लड़ने वाले धीर सिंह बिधूड़ी इस फैसले से नाराज होकर AAP में शामिल हो गए हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी की भी कहीं-कहीं थोड़ी-बहुत पैठ है, लेकिन इस सीट पर उसके कांग्रेस और AAP को हरा पाने की संभावना नहीं है.
(इनपुट: भाषा)