जम्मू कश्मीर में खंडित जनादेश आने के बाद दिलचस्प समीकरण सामने आ रहे हैं. कई विकल्पों पर चर्चा के बीच गुगली फेंकी है सीएम उमर अब्दुल्ला ने, जिन्होंने संकेत दिया है कि वो पीडीपी के साथ हाथ मिलकर क्षेत्रीय गठबंधन बना सकते हैं.
जम्मू कश्मीर की जनता ने किसी को राज करने का जनादेश नहीं दिया है. पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी जरूर है लेकिन बहुमत नहीं मिला. मोदी मैजिक भी 25 सीटों पर सिमट गया.
अब हर किसी के जेहन में एक ही सवाल है कि जम्मू कश्मीर में किस गठबंधन की सरकार बनेगी? हर दल की जुबान पर बस यही है कि सारे विकल्प खुले हुए हैं. लेकिन घाटी की सियासत में सबसे महीन चाल चली है जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने. उन्होंने पीडीपी के साथ गठबंधन की संभावना के संकेत दे दिए हैं. पीडीपी के पास 28 सीटें हैं और सहयोगी दलों के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस की 17 सीटें मिलाकर 45 सीट होती है जो बहुमत से ज्यादा है. ये संभावना तभी होगी जब पीडीपी एनसी से हाथ मिलाएगा क्योंकि बीजेपी और पीडीपी के भीतर गठबंधन की अटकलें तेज हैं.
पीडीपी के सामने कांग्रेस के बारह और 7 निर्दलीय और छोटे दलों का साथ लेकर सरकार बनाने का भी विकल्प है, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद पीडीपी को समर्थन का संकेत दे चुके हैं, सात अन्य के साथ मिलकर बीजेपी-एनसी सरकार के विकल्प की चर्चा भी सियासी गलियारे में हो रही है.
यानी त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में तस्वीर कई तरह की उभर रही है. उन तस्वीरों में रंग भरना सियासी दलों पर निर्भर होगा. उम्मीद की जा रही है बुधवार को चीजें काफी हद तक साफ हो जाएंगी.