जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की सियासी कवायद तेज हो गई है. बीजेपी जहां छह अन्य विधायकों की सहायता के खुद को सबसे बड़ी पार्टी बता रही है, वहीं पीडीपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को राज्य में एकबार फिर सरकार बनाने का दावा पेश करने के संकेत दिए हैं.
Incidentally in 2002 Mufti became CM with 16 MLAs & NC with 28 sat in opposition so excuse me if I don't oblige by rolling over to play dead
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) December 24, 2014
गौरतलब है कि हाल ही संपन्न विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को बहुमत नहीं मिल पाया है. लेकिन उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में लिखा है, '2002 में पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद 16 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री बने थे और नेशनल कांफ्रेंस 28 सीटों के साथ विपक्ष में थी, इसलिए अगर मैं राज्य का प्रतिनिधित्व आगे न छोड़ूं तो मुझे माफ करें.'
राज्य विधानसभा में मंगलवार को आए जनादेश में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है, जबकि बीजेपी इसके बाद 25 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस 87 सदस्यीय विधानसभा में 15 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही. अब्दुल्ला ने बुधवार को पीडीपी के अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की अटकलों के बीच राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया.
6 years ago I drove in to stake my claim to form a government in J&K, now I'm driving in to resign. The wheel comes full circle.
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) December 24, 2014
उमर अब्दुल्ला ने एक और ट्वीट में लिखा, 'छह साल पहले ही मैं जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश करने गया था. अब मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं. यह चक्र तेजी से चल रहा है.'
-इनपुट IANS से