बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनके अंदर साहस नहीं है कि वो अपने कैंडिडेट्स के चुनाव प्रचार के सिलसिले में कश्मीर में कदम रखें. उमर ने यह प्रतिक्रिया मोदी के उस बयान पर दी, जिसमें उन्होंने फारूक अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए कहा था कि धर्मनिरपेक्षता पर अगर कहीं चोट पड़ी है तो वो कश्मीर में पड़ी है. धर्म के आधार पर कश्मीरी पंडितों को भगाया गया.
Modi forgets that Sheikh Abdullah chose a secular India rather than Muslim Pakistan & then spent 2 decades incarcerated but didn't waver.
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) April 28, 2014
उमर ने कहा कि मोदी आपमें कश्मीर आकर प्रचार करने की हिम्मत नहीं है. मोदी पर हमला करते हुए उमर ने कहा कि उन्हें मोदी जी से सेक्युलेरिज्म पर लेक्चर की जरूरत नहीं है. मोदी जी ने कश्मीरियों का अपमान किया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि हमारे कार्यकाल में कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर नहीं छोड़ा.
In 1947 when Hindu Muslim violence swept the country as far north as Jammu Kashmir was a beacon of tolerance, an example to the rest.
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) April 28, 2014
गौरतलब है कि रविवार को फारूक अब्दुल्ला ने एक जनसभा में कहा था कि जो लोग मोदी को वोट दे रहे हैं उन्हें समंदर में डूब जाना चाहिए. फारूक के इसी बयान पर आज खुद मोदी ने तीखा प्रहार किया.
उन्होंने फारूक अब्दुल्ला पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाते हुए कहा, सांप्रदायिकता को सबसे बड़ी चोट अगर कहीं पड़ी तो कश्मीर में पड़ी है. वो भी श्रीमान फारूक अब्दुल्ला, उनके पिता और बेटे की राजनीति के चलते. पंडितों को कश्मीर से खदेड़ कर निकाला गया. आपने और आपके परिवार ने राजनीति की खातिर कश्मीर को कौमी रंग दे दिया. कश्मीर तो सूफीवाद और भाईचारे का प्रतीक था. धर्म के आधार पर पंडितों को कश्मीर से भगाया गया. आप मोदी को वोट करने वाले लोगों को समंदर में डूब जाने की बात कहते हैं, पर सच तो यह है कि अगर किसी को समंदर में डूबना चाहिए तो आइना देखिए. आप और आपका परिवार सांप्रदायिकता का गुनहगार है.'
उन्होंने आगे कहा, 'कश्मीर के पंडितों को वहां से खदेड़ देने वालो को दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है. हम कोई वोट बैंक की राजनीति नहीं कर रहे. विकास की राजनीति करने आए हैं. हमारा मंत्र है सबका साथ सबका विकास. यही हमारा लक्ष्य है और इससे हम डिगने वाले नहीं हैं. चाहे फारूक साहब जैसे कई लोग कुछ भी बोलें.'
दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत बिहार बीजेपी के नेता गिरिराज के बयान से हुई. गिरिराज ने बोकारो में एक रैली में कहा था, 'जो लोग मोदी का विरोध करते हैं, वे पाकिस्तान की ओर देख रहे हैं. ऐसे लोगों का स्थान पाकिस्तान में है, भारत में नहीं.' इस बयान पर पलटवार करते हुए रविवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'वो कहते हैं कि जो मोदी को वोट नहीं करते उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए. मेरे हिसाब से जो मोदी को वोट करता है उसे समंदर में डूब जाना चाहिए.'