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Opinion: विजन डॉक्यूमेंट में कुछ भी नया नहीं

बीजेपी ने आखिरकार दिल्ली के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर लिया है. इस डॉक्यूमेंट में वो तमाम बातें हैं जो नरेन्द्र मोदी अब तक कहते आ रहे थे. इसमें पार्टी ने पारदर्शिता को पूरा महत्व देने की बात कही है और महिला सुरक्षा की बात कही गई है. इसमें गरीबों और मिडल क्लास के लिए पक्के मकान बनाने, बिजली-पानी की समस्या दूर करने और 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए काम करने की भी बात है.

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दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी का विजन डॉक्यूमेंट
दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी का विजन डॉक्यूमेंट

बीजेपी ने आखिरकार दिल्ली के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर लिया है. इस डॉक्यूमेंट में वो तमाम बातें हैं जो नरेन्द्र मोदी अब तक कहते आ रहे थे. इसमें पार्टी ने पारदर्शिता को पूरा महत्व देने की बात कही है और महिला सुरक्षा की बात कही गई है. इसमें गरीबों और मिडल क्लास के लिए पक्के मकान बनाने, बिजली-पानी की समस्या दूर करने और 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए काम करने की भी बात है.

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बीजेपी ने यह भी कहा है कि वह दिल्ली में खर्च होने वाली पाई-पाई का हिसाब रखेगी. इसमें पुलिस की जवाबदेही तय करने की भी बात कही गई है. इसमें भ्रष्टाचार से राजधानी को मुक्त रखने की भी बात है. इसमें जो सबसे महत्वपूर्ण बात कही गई है वह है इसे वर्ल्ड क्लास सिटी बनाना. यह एक बड़ा सपना है और पार्टी ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया है कि यह होगा कैसे?

कुल मिलाकर इस विजन डॉक्यूमेंट में ऐसा कुछ नहीं है जिसे पूरे तौर पर नया कहा जाए. हां, यह जरूर कहा जा सकत है कि आम आदमी पार्टी की तरह इसमें लंबे-लंबे असंभव किस्म के वादे नहीं हैं. लेकिन इसके बावजूद चुनाव की गर्मी को देखते हुए इसे फीका कहा जा सकती है. पार्टी ने दिल्ली के लाखों झुग्गी-झोपड़ी वासियों के मन में उम्मीद बंधाने की बातें नहीं की हैं. यह वह मुद्दा है जिसमें आम आदमी पार्टी बाजी मारती दिखती है.

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इस विजन डॉक्यूमेंट में कई बातें हैं जो आम तौर पर चुनावी घोषणाओं में होती है. दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण समस्या भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए इसमें कोई ठोस समाधान नहीं दिखता है. सिर्फ यह कह देने से कि इसे बिलस्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, बात नहीं बनेगी. इसके लिए क्या मैकेनिज्म होगा पार्टी ने यह भी नहीं बताया है.

बहरहाल, चुनाव में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं और मतदाता अपना मन बनाने में लग गए हैं, यह कहना मुश्किल है कि इससे पार्टी को कितना फायदा होगा. पार्टी ने इसे जारी करने में इतनी देर लगा दी कि अब उसे जनता को विस्तार से समझाने का भी वक्त नहीं रहा. वैसे भी आम आदमी पार्टी ने वादों का इतना बड़ा पहाड़ खड़ा कर रखा है. उसके सामने यह बहुत ही छोटा है.

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