जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर पीडीपी ने बीजेपी को झटका दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पीडीपी ने तीन साल CM के रोटेशन फॉर्मूले को खारिज कर दिया है. जबकि कांग्रेस की ओर गुलाम नबी आजाद ने पीडीपी को बिना शर्त समर्थन की बात दोहराई है, वहीं खबर यह भी है कि पीडीपी अपनी धुर विरोधी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ महागठबंधन करने की तैयारी में है.
दूसरी ओर, मुस्लिम बहुल राज्य में सत्ता में आने के प्रयास कर रही बीजेपी ने पीडीपी के साथ भी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ भी बात की है, वहीं पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ महागठबंधन को भी एक विकल्प बताने संबंधी इशारा दिया है. हालांकि, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह बीजेपी पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकती है, जिसके लिए पीडीपी ने कड़ी शर्तें लगा दी हैं. इस बाबत पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का ट्वीट इसी ओर इशारा करता है.
And now it's a PDP, NC & Cong grand alliance! Serious proposal or more mind games to give the BJP decision makers sleepless nights?
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) December 29, 2014
चुनाव में बीजेपी की प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे विधायक निर्मल सिंह ने नई दिल्ली में सोमवार रात कहा कि उनकी पार्टी अन्य दलों से बातचीत कर रही है और सभी विकल्प खुले हैं. इस बीच पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के मुद्दे पर बुधवार को प्रदेश के राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात करेंगी. वोहरा ने राज्य में सरकार गठन के मसले पर विचार विमर्श के लिए शुक्रवार को महबूबा और बीजेपीप्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को अलग-अलग वार्ता के लिए बुलाया था.
बीजेपी का साथ और जनता की राय
राज्य में अगली सरकार के गठन के लिए पार्टी के भीतर विचार विमर्श में जुटी पीडीपी ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को ऐसी किसी संभावना पर जानकारी जुटाने के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाने को कहा है. पार्टी विधायकों के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक चर्चा की समाप्ति पर पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनसे कहा कि वे बीजेपी के साथ अगली सरकार बनाने की संभावनाओं पर जनता का मूड जानने के लिए अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाएं. पीडीपी सूत्रों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती के राज्यपाल से मिलने से पूर्व पीडीपी संरक्षक पार्टी के भीतर एक आम सहमति बनाना चाहते हैं.
NC ने विधायकों को दिया निर्देश
इसी सारी कवायद के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को पार्टी नेताओं को फरमान जारी कर उनसे चुनाव बाद के परिदृश्य समेत नीतिगत मुद्दों पर मीडिया से बातचीत में परहेज करने को कहा. पार्टी ने एक बयान में कहा, 'फारूक और उमर ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर, जम्मू और कश्मीर प्रांतीय अध्यक्षों देवेन्द्र सिंह राना व नासिर असलम वानी के साथ ही प्रवक्ता जुनैद आजिम मट्टू को पार्टी की ओर से नीतिगत मुद्दों पर पार्टी का रूख रखने के लिए अधिकृत किया गया है, जिनमें चुनाव बाद का परिदृश्य और पार्टी का रूख भी शामिल है.'
इसमें कहा गया है कि अन्य पार्टी नेताओं द्वारा दिए जाने वाले बयानों को उनके निजी विचार के तौर पर लिया जाए. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है कि पार्टी महासचिव इन पदाधिकारियों के बीच संवाद में समन्वय करेंगे.
-इनपुट भाषा से