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राजद के अंधकारमय काल को जनता पुन: वापस लाना नहीं चाहेगी: भाजपा

बिहार में सत्ताधारी भाजपा ने सोमवार को कहा कि प्रदेश की जनता राज्य में पूर्व में सत्तासीन रही पिछली राजद के कथित अंधकारमय काल को पुन: वापस लाना नहीं चाहेगी.

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बिहार में सत्ताधारी भाजपा ने सोमवार को कहा कि प्रदेश की जनता राज्य में पूर्व में सत्तासीन रही पिछली राजद के कथित अंधकारमय काल को पुन: वापस लाना नहीं चाहेगी.

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लोजपा के किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राणा गंगेश्वर प्रसाद सिंह, भाकपा के वरिष्ठ नेता कामेश्वर हजारी और समस्तीपुर की जिला परिषद अध्यक्ष मंजू हजारी के अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने पर उनका स्वागत करते हुए भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरण घई ने आरोप लगाया कि प्रदेश की जनता राज्य में पूर्व में सत्तासीन रही राजद के अंधकारमय काल को पुन: वापस लाना नहीं चाहेगी.

घई ने कहा कि लोजपा के युवा, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व में जदयू में विलय हो जाने के बारे में उन्हें जानकारी मिली थी, लेकिन सिंह के साथ लोजपा के किसान प्रकोष्ठ के भाजपा में विलय हो जाने के बाद अब लोजपा में रामविलास पासवान और उनके भाई ही केवल बच गए हैं और पार्टी का बचा-खुचा अस्तित्व बिहार विधानसभा चुनाव के बाद खत्म हो जाएगा. {mospagebreak}

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उल्लेखनीय है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा अपने घोर विरोधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कविता पाठ के जरिए जारी वाकयुद्ध को विराम दिए जाने की रविवार को घोषणा किए जाने और यह कहे जाने कि कविता एवं हास्य में बात को उड़ाने से किसी का भला होने वाला नहीं है बल्कि एकताबद्ध होकर प्रदेश के लोगों की गरीबी और गुरबत को दूर करना और यहां के बेरोजगार युवा एवं युवती उनके प्रति मोह दिखाने की जरूरत है तथा वर्तमान समय काम और संघर्ष का है.

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा रविवार को दिए बयान पर भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरण घई ने कहा कि जिन दलों को उनकी नाकामी और निकम्मेपन के कारण बिहार की जनता ने सत्ता से बेदखल किया है और उन्हें हाशिए पर पहुंचा दिया है. ऐसे लोगों पर जनता विश्वास करने वाली नहीं है.

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर लंबे समय तक बिहार में कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन यह प्रदेश पिछड़ता चला गया. घई ने कहा कि एक समय सबसे सुशासित प्रदेश कहलाने वाले बिहार में 1960 के बाद विकास की गति मंद होने लगी और 1990 में जो लोग प्रदेश में सत्ता में आए वे जेपी आंदोलन की उपज थे, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने जनता की आशाओं के साथ विश्वासघात किया और वे उनकी कसौटी पर खरे नहीं उतरे जिसके परिणामस्वरूप 1995 से ही उनके जनाधार का क्षरण होने लगा और 2005 में जनता ने उन्हें पूरी तरह सत्ता से बेदखल कर दिया. {mospagebreak}

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भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्याक्ष ने कहा कि राजद के बिहार में 15 वर्षों के कार्यकाल को राजनीतिक इतिहास में अंधकारमय काल के तौर पर जाना जाएगा क्योंकि इस अवधि में अपराध, अपहरण, आतंक और अराजकता का वातावरण रहा. घई ने प्रदेश में वर्तमान में सत्तासीन राजग के बारे में कहा कि इस गठबंधन को परिवर्तन, विकास एवं सुरक्षा के लिए जनादेश मिला था उसका सम्मान करते हुए इस शासनकाल के दौरान जनता की आकांक्षओं से जुडकर एक परिवर्तन लाने की सार्थक पहल की गयी. यह शायद पहली सरकार होगी, जिसने हर वर्ष अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखा.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्तासीन राजग गठबंधन ने सुरक्षा, विधि-व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन लाने, बिहार नाकारात्क कारणों से नहीं बल्कि सकारात्मक कारणों से जाना जाए, बिहारीपन को गौरव का विषय बनाने, आधारभूत संरचना के विकास करने का जो वादा किया था उस दिशा में कुछ कदम हम आगे बढ़े हैं. इसलिए हमारा हक बनता है कि एक बार फिर से हमें जनादेश प्राप्त हो.

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