असम में चुनावी महासमर के बीच पीएम नरेंद्र मोदी नवरात्र के पहले दिन शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर पहुंचे. मोदी ने कामाख्या मंदिर में मां भगवती के महामुद्रा रूप यानी योनि रूप के दर्शन किए और उनकी पूजा-अर्चना की. हालांकि पीएम मोदी बीते 40 वर्षों से नवरात्र का व्रत रखते आ रहे हैं लेकिन चुनाव का मौसम हो और नवरात्र का पहला दिन हो तो पीएम रैली से पहले मां भगवती के दर्शन करने का मौका भला कैसे चूकते.
मान्यता है कि मां भगवती के शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर के दर्शन से हर इच्छा पूरी होती है. अब असम चुनाव प्रचार के दौरान नवरात्र के पहले ही दिन मोदी देवी मां का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं तो जाहिर है कि उनकी एक इच्छा तो कम से कम असम में सत्ता हासिल करने की होगी ही. अब देखना ये है कि हर बार की तरह मां देवी इस बार भी मोदी की इच्छा कितनी जल्दी पूरी करती हैं.
पीएम मोदी के साथ असम में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी कामाख्या देवी के दर्शन किए. देश के अन्य तीन राज्यों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और पड़ोसी असम में भी विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. मोदी ने बंगाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस को सीएम ममता बनर्जी के सामने चुनावी मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है. हालांकि बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर चंद्र कुमार बोस को सीएम कैंडिडेट नहीं घोषित किया है लेकिन असम में पिछले 15 साल से सीएम की कुर्सी पर काबिज तरुण गोगोई को चुनावी समर में धूल चटाने की चुनौती मोदी के सामने है. शायद यही वजह रही है बीजेपी ने साफ सुथरी छवि वाले नेता और केंद्रीय मंत्री सोनोवाल को सीएम कैंडिडेट बनाया.
लोकसभा चुनाव से पहले किए थे वैष्णो देवी के दर्शन
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान जम्मू कश्मीर के कठुआ में रैली करने से पहले मोदी वैष्णो देवी पहुंचे थे और मां शेरावाली के दर्शन किए थे. मां वैष्णों ने भी नरेंद्र मोदी की इच्छा पूरी की और वो प्रधानमंत्री बने. पीएम बनने के बाद मोदी ने 4 जुलाई 2014 को कटरा-ऊधमपुर रेल लाइन का उद्घाटन किया और मां के भक्तों को तोहफा दिया.