झारखंड में बीजेपी के चुनावी अभियान को शुरू करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाल्टनगंज में पहली रैली को संबोधित किया. मोदी ने कहा कि आज दुनिया का हर देश भारत के साथ काम करने को इच्छुक है. अपने 10 दिन के दौरे पर ये हासिल नहीं कर पाए मोदी
मोदी ने कहा कि वे लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने पर धन्यवाद करने के लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार लोगों में बीजेपी के प्रति लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है .
विदेश यात्रा का जिक्र करते हुए मोदी बोले कि हर जगह देश ही दिल में था. मोदी ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया जाकर उन्होंने जाना कि छोटे गरीब किसान, कम जमीन हो तो भी ज्यादा उत्पादन कैसे करें, ताकि परिवार को दुख के दिन न देखने पड़ें. उन्होंने बच्चों, माताओं, बहनों के स्वास्थ्य व पोषण के बारे में चिंता जाहिर की.
मोदी ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों से मिला. भारत के किसान चावल, चना, मूंग की खेती करते हैं. लेकिन एक एकड़ भूमि में जितनी पैदावार होनी चाहिए, नहीं होती.'
पीएम ने कहा, 'मैं नोबेल प्राइज वाले वैज्ञानिकों से मिला. उनसे कहा कि आदिवासी भाई-बहन जेनेटिक बीमारियों के शिकार हैं. आज उसकी कोई दवाई नहीं है. मेरे आदिवासी परिवार तबाह हो रहे हैं. सिकलथेल की बीमारी. छुरी जैसे छोटे-छोटे कण तैयार हो जाते हैं देह में, जीना हराम करते हैं. नोबल प्राइज विनर वैज्ञानिकों से आग्रह किया. भारत खर्चा करने को तैयार है.'
रैली में मोदी ने अपील की, 'मुझे व उन वैज्ञानिकों को आशीर्वाद दो, ताकि ऐसी दवाई निकले, जिससे आपकी बीमारी को मुक्ति मिल जाए. ये काम कर रही है सरकार.'
मोदी ने कहा कि जब भी वे दुनिया के किसी भी बड़े नेता से मिलते हैं, तो मन में एक ही बात रहती है कि भारत के गरीबों और नौजवानों का भला कैसे हो. आदिवासी, पिछड़े, गरीब किसान का भला कैसे हो. उन्होंने अपील की, 'झारखंड आगे बढ़े, नौजवानों को रोजगार मिले. सूबे को परिवारवाद से मुक्त कराएं. भाई भतीजावाद. बाप बेटावाद, रिश्तेदारी का कारोबार बंद हो.'
मोदी ने कहा, 'मैंने भी गुजरात में सरकार चलाई. यहां की सरकार केंद्र के मंत्रियों को धमकाने की बात करती है. लोकतंत्र में किसी की मनमानी नहीं चलती. यहां लोगों को बहुत बरबाद किया गया. यहीं नजदीक में 92 से सीमेंट का कारखाना बंद पड़ा है. नेताओं को परवाह ही नहीं है. बिजली के कारखाने बनाने की बात करना. करना कुछ नहीं. मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए, मुझे स्थिति बदलनी है.'
मोदी ने कहा कि वे देश के आम आदमी में ताकत देखते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं गरीबों में ताकत देखता हूं और उस पर भरोसा कर देश को आगे ले जाना चाहता हूं.'
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के बारे में मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 40 साल पहले बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. उन्होंने कहा, 'सभी बैंक सरकार के कब्जे में...कांग्रेस ने कहा था कि बैंक के पैसे गरीबों के काम आने चाहिए, इसलिए ऐसा किया. इतने साल बाद भी गरीब बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंचा.'
मोदी ने इस योजना का जिक्र करते हुए कहा, 'गरीब के घर बीमारी आ जाए, तो सब बिखर जाता है. हमने जन-धन योजना में गरीबों के लिए मेडिकल बीमा का इंतजाम किया है.'
झारखंड के लोगों को रिझाने की कोशिश करते हुए पीएम ने कहा कि जिस भी आदिवासी राज्य में बीजेपी की सरकार आई, वहां भाग्य बदला है. उन्होंने कहा, 'झारखंड वाले भी हमें मौका दें. मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद कर बोलें, पूरी ताकत से चारों तरफ से...भारत माता की, जनता- जय.'
जब बीजेपी के तमाम नेता स्टेज के पीछे पीएम मोदी के स्वागत में जुटे थे, उस वक्त रैली में बेहद अजीब स्थिति पैदा हो गई. भीड़ ने खराब इंतजाम की वजह से D एरिया में कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दी, जिससे अफरातफरी मच गई. बाद में सुरक्षा में लगी एसपीजी ने फेंकी गई कुर्सियां हटाईं.