प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार के सीतामढ़ी में चुनावी रैली को संबोधित किया. मोदी ने कहा कि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर सीतामढ़ी में होना उनके लिए गर्व और सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि बीते 16 महीनों में बिना किसी भी दिन छुट्टी लिए वह काम कर रहे हैं, यह उनकी 'सेवा योजना' है. उन्होंने महागठबंधन के तीन दलों को '3 ईडियट्स' करार दिया.
रैली में मौजूद लोगों से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि यह बिहार के भाग्य का फैसला करने का वक्त है, क्या बिहार की जनता अपना भाग्य खुद बदलना चाहेगी या फिर मुसीबतों से जूझती रहेगी. मोदी ने कहा , 'अगर हमें मुसीबतों से बरी होना है तो उसकी एक ही जड़ी-बूटी है, उसका नाम मोदी नहीं विकास है.' उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधा और तांत्रिक को लेकर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि उनको तंत्र-मंत्र ना तो बचा पाएगा और ना ही उनकी नैया को पार लगा पाएगा. अब बिहार की जनता को तय करना है कि उन्हें लोकतंत्र चाहिए या तंत्र-मंत्र.
'...आधी कविता होने से पहले ही वाह बोले दरबारी'
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार को मुशायरा करते हुए देखा. मोदी ने तंज कसते हुए कहा- उन्होंने सोचा था कि कुछ दरबारियों को बुलाकर कविता पाठ करेंगे लेकिन दरबारी ऐसे निकले कि कविता आधी होने से पहले ही वाह-वाह करने लगे. उन्होंने कहा- मैं हैरान था कि नीतीश जी अपने मुशायरे में 3 ईडियट्स का गीत क्यों ले आए.
'गाना सीख लें नीतीश तो बेहतर'
मोदी ने महागठबंधन के तीन दलों को 'महास्वार्थबंधन' और '3 ईडियट्स' करार दिया और कहा कि नीतीश कुमार को गाना गाने की प्रैक्टिस करते रहना चाहिए ताकि 8 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद अपना दुख यूं ही रो-गाकर कम कर सकें.