scorecardresearch
 

संत नहीं, राजनीतिक गांधी करते हैं आकर्षित: योगेंद्र यादव

शहीद दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में 'आज के दौर में गांधी की राजनीतिक विरासत' पर चर्चा का आयोजन किया गया.

Advertisement
X
Yogendra Yadav
Yogendra Yadav

शहीद दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में आज गांधी की राजनीतिक विरासत पर चर्चा का आयोजन किया गया.

Advertisement

इस कार्यक्रम का आयोजन आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग CYSS की तरफ से किया गया जिसमें पार्टी के नेता योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और सांसद धर्मवीर गांधी के अलावा जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर रिजवान कैसर ने गांधी की राजनीतिक विरासत और आज के दौर में गांधी के विचारधारा के उपरा मंडरा रहे खतरे के बारे में चर्चा की.

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगेंद्र यादव ने कहा , '30 जनवरी 1948 को गांधी के शरीर की मृत्यु हुई थी उनकी विचारधारा आज भी जिंदा है. ' मौजूदा राजनीति के उपर उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी की तस्वीर को हर नेता अपने तरीके से उपयोग कर रहा है, चाहे वह स्वच्छता अभियान हो या फिर नगर निगम का कोई कार्यक्रम. गांधी की हर ऐसे जगहों पर लगी तस्वीर को देखकर मुझे उसे फाड़ देने का मन करता है.'

Advertisement

उन्होंने यह भी कहा ' मुझे एक संत के रूप में गांधी आकर्षित नहीं करते और न ही एक चिंतक के रूप में, क्योंकि दुनिया में कई बड़े संत और चिंतक हुए हैं, मुझे हमेशा गांधी अपनी राजनीतिक विचारधारा और अपने कार्यों के लिए आकर्षित करते हैं.'

वहीं, आम आदमी पार्टी से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं पार्टी की हर गतिविधि से सहमत नहीं होता हूं, पार्टी के अंदर कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर अभी बहुत चिंतन की जरूरत है.

प्रोफेसर रिजवान कैसर ने कहा कि गांधी भगवद्गीता से प्रभावित थे, जिसका प्रयोग वे राजनीति में भी करते थे लेकिन उनका हत्यारा गोडसे भी खुद को गीता से प्रभावित बताता था, इसलिए इस समय देश में गांधी के धर्मनिरपेक्ष विचारों को फैलाने की जरूरत है.

Advertisement
Advertisement