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लोकसभा चुनाव: वाराणसी में मुसलमानों का रहनुमा बनने की मची होड़

वाराणसी में बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का दावा है कि इस शहर के मुसलमानों को भी उनसे प्यार हो जाएगा. खुद को मुसलमानों का रहनुमा बताने के तमाम दावे पार्टी की ओर से किए जा रहे हैं. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, मोदी के राज्य गुजरात से मुसलमानों का एक प्रतिनिधिमंडल वाराणसी का दो बार दौरा कर वापस लौट चुका है.

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नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो
नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

वाराणसी में बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का दावा है कि इस शहर के मुसलमानों को भी उनसे प्यार हो जाएगा. खुद को मुसलमानों का रहनुमा बताने के तमाम दावे पार्टी की ओर से किए जा रहे हैं. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, मोदी के राज्य गुजरात से मुसलमानों का एक प्रतिनिधिमंडल वाराणसी का दो बार दौरा कर वापस लौट चुका है.

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गुजरात अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महबूब अली के नेतृत्व में पांच लोगों की टीम वाराणसी का दो बार दौरा कर चुकी है. अली ने इस दौरान स्थानीय मौलानाओं के साथ बैठक कर उनसे मोदी के लिए समर्थन मांगा. साथ ही यह भी बताने की कोशिश की कि मोदी को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं वह गलत हैं. अली ने वाराणसी प्रवास के दौरान कई धर्मगुरुओं से मुलाकात की और उनके भीतर यह विश्वास जगाने की कोशिश की, कि गुजरात का मुसलमान मोदी के राज में सुखी है और हर तरह की सुविधाओं का लाभ उसे मिल रहा है. भाजपा के रणनीतिकारों ने बताया कि दूसरी पार्टियां मुसलमानों को मोदी का डर दिखा रही हैं और उसी भय को कम करने के लिए ही मोदी ने अपने यहां से ऐसे मुसलमानों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजा, जिसमें उनके सबसे विश्वसनीय लोग शामिल थे. इस मामले में जब भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक से पूछा गया तो उन्होंने केवल इतना ही कहा कि गुजरात में जिन क्षेत्रों में मतदान खत्म हो चुका है वहां से लोग मोदी के प्रचार के लिए वाराणसी पहुंच रहे हैं और उसमें सभी वर्ग के लोग शामिल हैं.

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वाराणसी से आम आदमी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल भी मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में खींचने के लिए डटे हुए हैं. वह चुनाव तक अब वाराणसी में ही रहेंगे. काशी पहुंचते ही उन्होंने मुसलमानों के धर्मगुरु गुलाम यासीन से मुलाकात की. केजरीवाल 23 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे. मौलानाओं से मुलाकात के बाद केजरीवाल अब गांवों में चौपाल लगाएंगे. पांच जगहों पर केजरीवाल लोगों को बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनेंगे.

उधर कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने भी मौलानाओं से मिलने का अभियान छेड़ रखा है. वह मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच लगातार प्रचार प्रसार करने में जुटे हुए हैं. सूत्रों की मानें तो कौमी एकता दल के मुख्तार अंसारी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के पीछे अजय राय का ही हाथ है.राय और अंसारी के बीच अंदरखाने कई मुद्दों पर सहमति बनी है. हालांकि सार्वजनिक तौर पर ये नेता इस बात को मानने से कतरा रहे हैं.

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