चुनाव खर्च की सीमा का मजाक बनाने वाले उम्मीदवारों और उनकी पार्टियों के खिलाफ चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करनी होगी. सरकार को भी इस बाबत समुचित उपाय करना जरूरी है, क्योंकि ऐसे कब तक लोकतंत्र का मजाक बनता रहेगा. यह कहना है कि जनता दल युनाइटेड के महासचिव और प्रवक्ता के सी त्यागी का.
त्यागी ने कहा कि आजतक और इंडिया टुडे ने ऐसे लोगों और राजनीतिक दलों को बेनकाब कर ये बेहतरीन कोशिश की है. स्टिंग का खुलासा तो लोकतांत्रिक मूल्यों का गिरता ग्राफ है. चुनाव आयोग को चाहिए कि ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ तो कार्रवाई करने के साथ ही कठघरे में आए राजनीतिक दलों के खिलाफ भी सख्ती हो. उनकी मान्यता भी रद्द करने का अधिकार आयोग को मिले.
बता दें कि आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में अलग-अलग दलों के उम्मीदवारों ने करोड़ों रुपये खर्च करने की बात स्वीकार की है. इसमें पहले टिकट खरीदने और फिर वोटरों के वोट खरीदने की बात कही गई है.
इस पूरे प्रकरण पर बीजेपी के प्रवक्ता ज़फर इस्लाम का कहना है कि स्टिंग ने इन पार्टियों के बारे में चली आ रही खबरों को पुख्ता आधार दिया है. यानी अब ये और साफ हो गया है कि टिकटों की खरीद फरोख्त के आरोप कोरे नहीं हैं. पहले भी सबूत मिलते रहे हैं अब एक बार फिर ये सामने आ गया है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से त्वरित कार्यवाही और कार्रवाई दोनों हों तभी बात बनेगी.