जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने का फॉर्मूला क्या होगा? इसे लेकर सारे दल सरकार गठन को लेकर राजनीतिक जोड़ घटाव में जुट गए. राज्यपाल एनएन वोहरा ने बीजेपी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी को चिट्ठी लिख कर सरकार गठन के लिए अपने-अपने प्रस्ताव भेजने को कहा.
बीजेपी के मुताबिक उसे 6 निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन हासिल है. बीजेपी के पास खुद 25 विधायक है. ऐसे में निर्दलीय के समर्थन के बाद उसकी ताकत 31 हो जाती है. बीजेपी 31 विधायकों के समर्थन और अपने वोट प्रतिशत को आधार बनाकर दावा पेश करेगी.
पीडीपी ने अभी तक राज्यपाल के पास अपना प्रस्ताव नहीं भेजा है. हालांकि बीजेपी के साथ करार पर उसकी बातचीत जारी है. महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी के सामने शर्तों की पूरी लिस्ट रख दी है. खबर है कि रास्ता दिल्ली में निकलेगा. पहले खबर आई थी कि मुफ्ती मोहम्मद सईद दिल्ली आकर प्रधानमंत्री से मिलेंगे, लेकिन शनिवार को वह नहीं आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, PDP ने गठबंधन के लिए BJP के सामने 5 मुश्किल शर्तें रख दी हैं.
ये हैं PDP की 5 शर्तें
1. सेल्फ रूल प्रपोजल का सम्मान किया जाए
2. सेना को विशेषाधिकार देने वाले AFSPA को शांतिपूर्ण इलाकों से हटाया जाए
3. अनुच्छेद 370 को और मजबूत बनाया जाए
4. मुफ्ती मोहम्मद सईद पूरे 6 साल के लिए मुख्यमंत्री बनें
5. जम्मू-कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों के लिए विशेष पैकेज और राहत कार्य
बीजेपी को पीडीपी ने साफ संकेत दे दिए हैं. करार तभी होगा जब मुख्यमंत्री की कुर्सी उसके खाते में पूरे 6 साल के लिए आएगी. अनुच्छेद 370 पर कोई बातचीत नहीं होगी. कॉमन सिविल कोड पर भी बीजेपी कोई चर्चा नहीं करें.
बीजेपी का खेल बिगाड़ने में कांग्रेस और नेश्नल कॉन्फ्रेंस पीछे नहीं है. कांग्रेस और नेशनल कॉर्फ्रेंस ने पीडीपी को समर्थन देने की घोषणा की. साफ है ये प्रस्ताव सिर्फ बीजेपी को राज्य की सत्ता से दूर रखने की कोशिश के मद्देनजर भेजी गई है. हालांकि पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के मौखिक प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कुल मिलाकर घाटी में बीजेपी और पीडीपी के बीच बातचीत चल रही है.