अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के सामने अपने 18 वादे और उन 18 वादों को निभाने के सबूत पेश किए. अरविंद के पुराने सहयोगी और बीजेपी के नए साथी अश्विनी उपाध्याय ने उन 18 वादों की पोल खोल दी. बीजेपी ने एक नीति के तहत 'आप' को आप के ही पुराने नेताओं के सहारे घेरना शुरू कर दिया है.
'जो कहा, सो किया...' इस टैग लाइन वाले केजरीवाल के पोस्टर दिल्ली में लगे, तो बीजेपी के दिल में टीस उठी. केजरीवाल अपने 49 दिनों की दास्तां सुना रहे हैं और बीजेपी उस दास्तां को धूल में मिलाने का रास्ता तलाश रही है. पार्टी ने केजरीवाल के पुराने साथी और आप के संस्थापक सदस्य अश्विनी उपाध्याय को अपने पाले में कर लिया है. अब अश्विनी केजरीवाल के कहा और किया के दावों का दम निकालने में जुट गए हैं.
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं, 'क्या किया? उन्होंने लोगों की आंखों में धूल झोंकी. 18 मुद्दों पर सरकार बनाई थी, उन 18 मुद्दों में से कौन से पूरे हुए. पानी बिजली पर लोगों को बेवकूफ बनाया.
आम आदमी के प्रचार अभियान ने बीजेपी में खलबली मचा दी है, क्योंकि इसमें केजरीवाल ने दावा किया है कि उन्होंने जो वादे किए, उन्हें पूरा किया. बिजली के बिलों को आधा किया. पानी के बिल खत्म किए और मुफ्त पानी देने का वादा निभाया. भ्रष्टाचार खत्म किया और मंहगाई पर काबू किया.
बीजेपी की फिक्र इसलिए बढ़ गई है क्योंकि ये सारे मुद्दे आम लोगों से जुड़े हैं और राजनीतिक तौर पर बेहद अहम है. इसीलिए बीजेपी इन्हीं मुद्दों पर केजरीवाल और उनकी पार्टी को घेरने की रणनीति बना रही है.
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण कपूर कहते हैं, ' उन्होंने क्या किया, जनता का पैसा निजी बिजली कंपनियों को दिया और झूठी वाहवाही ली. पानी मुफ्त मिलने का लाभ लोगों को मिला ही नहीं.'
बीजेपी के पूर्व विधायक ओ पी शर्मा ने कहा, 'केजरीवाल तो रणछोड़ लाल है, उनकी बातों पर क्या भरोसा करना.
दिल्ली में चुनाव भले ही फिर से हो रहे हों, लेकिन इस बार भी मुद्दे पानी और बिजली से जुड़े रहेंगे. ऐसे में बीजेपी की कोशिश इन्हीं मुद्दों पर केजरीवाल को उलझाने की रहेगी.
49 दिन केजरीवाल की कमजोरी रहे हैं लेकिन अब आम आदमी पार्टी इन्हीं 49 दिनों को अपनी ताकत बनाकर चुनावी मैदान में उतर गई है.