माकपा ने लोकसभा चुनाव परिणामों को वाम मोर्चे के लिए एक बड़ा झटका करार देते हुए स्वीकार किया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जीत हासिल की है और वे सरकार बनाने की स्थिति में हैं.
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने केरल और पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाामों में पार्टी के खराब रुझान को देखते हुए हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि हमें अपने प्रदर्शन की समीक्षा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वामपंथी गैर कांग्रेस और गैर भाजपा जैसे अपने सहयोगी दलों के साथ विपक्ष में बैठेंगे.
उन्होंने कहा कि माकपा और भाकपा गैर कांग्रेस और गैर भाजपा की अपनी मुहिम जारी रखेंगे और संप्रग सरकार की विदेश नीति तथा आर्थिक नीतियों का विरोध भी करती रहेगी. पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे की भारी शिकस्त का कारण पूछने पर करात ने कहा कि कांग्रेस केवल पश्चिम बंगाल में नहीं बल्कि पूरे भारत में जीती है और हमें उनकी वजहों की समीक्षा करनी होगी. करात ने कहा कि कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियों ने जनता के सामने अपने मुद्दे को सफलतापूर्वक रखा इसलिए वह जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने कहा कि हम जनता के हित और धर्मनिरपेक्षता के लिये काम करते रहेंगे.
माकपा महासचिव ने कहा कि 18 मई को पोलितब्यूरो की बैठक हो रही है. बैठक में केरल और पश्चिम बंगाल के नेता भी आ रहे हैं. उन्होंने कहा उनसे चर्चा के बाद ही विस्तार से परिणाम पर विचार करेंगे और अपनी बात रखेंगे.