दिल्ली में सरकार बनाने का रास्ता धीरे-धीरे खुलता हुआ नजर आ रहा है. उपराज्यपाल दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को गुरुवार को औपचारिक तौर पर सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं.
इस बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से दिल्ली की राजनीतिक स्थिति के बारे में जानकारी मांगी है.
सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल ने डॉ. हर्षवर्धन से फोन पर बात की है. हर्षवर्धन अभी रायपुर में हैं और गुरुवार शाम को दिल्ली लौटने वाले हैं. बताया जा रहा है कि हर्षवर्धन और उपराज्यपाल के बीच गुरुवार शाम को मुलाकात हो सकती है. इधर शीला दीक्षित का भी इस्तीफा मंजूर हो चुका है.
हालांकि अब तक दिल्ली में सरकार बनाने का कोई भी ठोस फॉर्मूला सामने नहीं आ सका है. उपराज्यपाल का सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया जाना महज वैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है.
बीजेपी बहुमत के अभाव में कोई 'जोड़-तोड़' न करने की बात पहले ही कह चुकी है. अपने सहयोगी अकाली दल की 1 सीट जोड़कर भी बीजेपी के पास कुल 32 का ही आंकड़ा है, जबकि बहुमत के लिए 36 का संख्याबल चाहिए.
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दायित्व बीजेपी पर है. AAP के पास 28 सीटें हैं और वह किसी पार्टी को न तो समर्थन देने और न ही समर्थन लेने की बात कई बार कह चुकी है.
रही बात कांग्रेस की, तो उसके पास 8 विधायक है. कांग्रेस सरकार बनाने के लिए AAP को बिना शर्त समर्थन देने की बात कह चुकी है. पर कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बनान AAP को मंजूर नहीं है. सियासी अनिश्चितता के दौर में देखना है कि दिल्ली की जनता को 'कैसी' और 'कैसे' सरकार मिल पाती है.