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तमिलिसाई सुंदरराजन: पिता-चाचा हैं कांग्रेस से, खुद संभाली है बीजेपी की कमान

पेशे से चिकित्सक सुंदरराजन को 2014 में अध्यक्ष बनाया गया था. तमिलिसाई ने एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अपना कैरियर शुरू किया.

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तमिलिसाई सुंदरराजन
तमिलिसाई सुंदरराजन

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तमिलनाडु में 16 मई, 2016 को विधानसभा चुनाव के मतदान होने हैं. सभी 234 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोटिंग होगी. 19 मई को परिणाम घोषित किए जाएंगे.

यहां बात राज्य में जमीन तलाश रही बीजेपी की. बीजेपी के पास अभी यहां एक भी विधायक नहीं है. ऐसे में राज्य में खाता खोलने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी स्टेट अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन के ऊपर है. बीजेपी तमिलनाडु में कभी भी प्रमुख दल बनकर नहीं उभरा. 2014 में बीजेपी को एक लोकसभा सीट मिली. इन चुनावों में बीजेपी को 5.6 प्रतिशत वोट मिले, जो कि पहले 2.6 प्रतिशत था.

डॉक्टर हैं तमिलिसाई
पेशे से चिकित्सक सुंदरराजन को 2014 में अध्यक्ष बनाया गया था. तमिलिसाई ने एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था.

राजनीति मिली विरासत में
तमिलिसाई तमिलनाडु के पूर्व कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कुमारी आनंदन की बेटी हैं. इन्हें राजनीति विरासत में मिली हुई है. पिता के अलावा उनके चाचा एच वसंतकुमार भी राजनीति में थे. वे भी कांग्रेस से हैं. मद्रास मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वे एक छात्र नेता बनीं. शुरुआत में वह पार्टी के स्थानीय मेडिकल विंग की सचिव भी बनीं.

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इन्होंने अभी तक दो बार विधानसभा और पार्लियामेंट चुनाव लड़े हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है. वे पिछले 15 सालों से तमिल भाषा के चैनलों में बीजेपी की तरफ से बात रख रही हैं. इस बार डीएमके से छिटके वोट बैंक और केंद्र में बीजेपी सरकार के काम के बल पर बीजेपी तमिलनाडु में अपना खाता खोलने की कोशिश में है. इसके लिए कई क्षेत्रीय दलों पर उसकी निगाह है.

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