चुनावी मौसम में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बीच बयानबाजी का 'घमासान' जारी है. न मोदी कोई मौका छोड़ते हैं और न ही राहुल 'शब्दबाण' चलाने से बाज आते हैं. आतंकवाद के मुद्दे पर पूर्व की एनडीए सरकार को घेरते हुए राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि एनडीए के शासन काल में आतंकवाद की वजह से करीब 22 हजार लोग मारे गए थे जबकि यूपीए के पांच साल में आतंकवाद से सिर्फ 800 मौतें हुईं.
बांटने की राजनीति में माहिर बीजेपी...
राहुल गांधी ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने के साथ-साथ देश में विकास भी करना जानते हैं जबकि बीजेपी के लोग केवल बांटने की राजनीति करना और लोगों को आपस में बांटने और लड़वाने का काम जानते हैं. उन्होंने मोदी के गुजरात मॉडल को एक बार फिर टॉफी माडल बताते हुए कहा कि वहां केवल एक उद्योगपति अडानी को सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपये की मदद की और वह दस साल में 300 करोड़ से 40 हजार करोड़ रुपये का आदमी बन गया. जबकि यूपीए सरकार ने मनरेगा में 30 हजार करोड़ रुपया डाला और करोड़ों गरीब मजदूरों को कम से कम 100 दिन का रोजगार मिला. राहुल ने कहा, 'बस यही अंतर है उनके और हमारे सोचने में. वह उद्योगपतियों के बारे में सोचते हैं जबकि हम गरीब, किसान मजदूर के बारे में सोचते हैं.'
'देश की तरक्की में सबका खून-पसीना लगा है'
राहुल गांधी ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि वह इंडिया शाइनिंग की बात करते हैं, उनकी नजरों में इंडिया चमक रहा है और यह सब उनकी बदौलत हुआ है ऐसा बीजेपी वालों का मानना है लेकिन मेरी नजर में भारत में जो तरक्की हुई है उसमें इस देश के मजदूर, गरीब, किसान, युवाओं छोटे काम करने वालों, नौकरी पेशा और यहां खड़े पुलिस कर्मियों का खून पसीना लगा है. राहुल ने कहा कि एनडीए की सरकार में आतंकवाद की वजह से करीब 22 हजार लोग मारे गये थे और उनके एक मंत्री गिड़गिड़ाते हुए अफगानिस्तान के कंधार गए थे. आतंकवादियों से माफी मांग कर बंधकों को छुड़ा कर लाए थे.
'हिंदू-मुसलमान को लड़ाने की बात करती है बीजेपी'
हम आतंकवाद को खत्म करने के साथ-साथ विकास की भी बात करते हैं और बीजेपी केवल हिंदू से मुसलमान को लड़ाने और सिख को इसाई से लड़ाने की बात करते हैं. उन्होंने गुजरात की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात में आम आदमी का भला नहीं हुआ है बल्कि केवल सरकार के नजदीकी कुछ औद्योगिक घरानों का ही भला हुआ है. उन्होंने कहा कि इसी तरह टाटा को भी सस्ते दर पर गुजरात सरकार ने कर्ज उपलब्ध करवाया. वहां गरीब किसानों की जमीनें सरकार के नजदीकी उद्योगपतियों को दी जा रही है.
'हम करते हैं आम जनता के लिए काम और मोदी'
राहुल ने कहा कि मोदी और हमारे में यही फर्क है कि वह उद्योगपतियों के बारे में सोचते है और हम और यूपीए सरकार आम देशवासियों के बारे में. उन्होंने अडानी को पैसा दिया, टाटा को पैसा दिया, हमारी सरकार ने आम आदमी के हाथ में मनरेगा जैसा रोजगार दिया. इसी तरह अब भोजन का अधिकार दिया. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार के आंकड़े देखिए वहां 40 लाख लोग बीपीएल से नीचे हैं, 40 प्रतिशत लोगों के पास पीने का पानी नहीं है. 10 लाख युवा बेरोजगार हैं फिर भी यह गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू करने की बात कहते हैं.
राहुल ने गिनाईं यूपीए की उपलब्धियां
उन्होंने यूपीए सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में हमारी सरकार ने एनडीए सरकार के कार्यकाल की तुलना में ज्यादा सड़कें बनवाईं, बिजली उत्पादन दोगुना कर दिया. देश के 15 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला. देश में भोजन का अधिकार दिया, शिक्षा का अधिकार दिया. उद्योगों को बढ़ाया और समाज के हर वर्ग का बिना किसी भेदभाव के विकास किया. अब हम उन लोगों के विकास की योजना में लगे है जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं लेकिन मध्य वर्ग के नीचे हैं.