महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे का दावा है कि उन्होंने सबसे पहले नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की बात की थी. ठाकरे कहते हैं कि वो बीजेपी के पीएम उम्मीदवार (मोदी) का सपोर्ट तो करते हैं लेकिन उनके नाम पर एमएनएस ने कभी वोट नहीं मांगा.
'आज तक' से खास बातचीत में राज ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी बाहरी लोगों के मुद्दे पर कायम है. लोकसभा चुनाव से पहले किसी समाचार चैनल को हिंदी में दिए पहले इंटरव्यू में राज ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा गैर मराठी है. हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में बाहरी राज्यों के लोगों का स्वागत है लेकिन उनकी पार्टी राज्य का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ है.
रोजगार की तलाश्ा में मुंबई जाने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों पर तंज कसते हुए ठाकरे ने कहा कि यूपी ने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए लेकिन उसी राज्य के लोग रोजगार की तलाश में बाहरी राज्यों में जा रहे हैं.
ठाकरे का दावा है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में एमएनएस ने अच्छा प्रदर्शन किया था और इस बार के चुनाव में उनकी पार्टी को बड़ी जीत मिलेगी. हालांकि राज यह भी मानते हैं कि उनकी राजनीति महाराष्ट्र तक ही सीमित है.
राज ने कहा, 'जैसे गुजरात का स्वाभिमान है, वैसे महाराष्ट्र का भी स्वाभिमान है. सभी नेता अपने राज्य की बात करते हैं. मोदी के किसी बयान से मेरी भूमिका नहीं बदलेगी. महाराष्ट्र के मुद्दों को उनके सामने रखूंगा.' पीएम बनने के बाद मोदी से विकास की उम्मीद करने वाले राज कहते हैं कि महाराष्ट्र में विकास रुका हुआ है. उन्होंने कहा, 'मैं मोदी को सपोर्ट करता हूं और उनसे उम्मीद है.'
मोदी ने इस बात से साफ इनकार किया कि उन्होंने कभी मोदी के नाम पर वोट मांगा. वो कहते हैं, 'एमएनएस ने मोदी के नाम का इस्तेमाल नहीं किया है. हमारी एकला चलो की नीति रही है. मैंने पार्टी शुरू करने से पहले भी किसी से इस बारे में किसी से पूछा नहीं था.'
यूपी से जुड़े अमिताभ के विज्ञापन (यूपी में है दम...) को लेकर उठे विवाद पर भी राज ने सफाई दी. उन्होंने कहा, 'मेरे भाषण को गलत तरीके से दिखाया गया. अमिताभ किसी राज्य के एंबेसडर नहीं हैं.' राज ने यहां तक कह दिया कि अमिताभ, लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर देश के एंबेसडर हैं.
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से करीबी बढ़ाने की कोशिश में जुटे ठाकरे दावा करते हैं कि वो मोदी के सबसे करीबी हैं जबकि शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे इस पर ऐतराज जताते हैं.