बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नाराज चल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता
लालकृष्ण आडवाणी को मनाने के प्रयास में आज कहा कि वह किस सीट से चुनाव
लड़ना चाहते हैं, यह फैसला उन पर छोड़ दिया गया है. लोकसभा चुनाव चाहे
वह गुजरात के गांधीनगर से लड़ें या, फिर मध्य प्रदेश के भोपाल से.
सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह आडवाणी जी को चुनना है कि उन्हें कहां से चुनाव लड़ना है. दरअसल, उनसे उन खबरों के बारे में पूछा गया था जिसमें कहा जा रहा है कि आडवाणी पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के उस निर्णय से खुश नहीं हैं, जिसमें उन्हें गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है.
हालांकि सूत्रों की मानें तो काफी मान मनौव्वल और संघ के हस्तक्षेप के बाद आडवाणी गांधीनगर सीट
से चुनाव लड़ने के लिए मान गए हैं. बताया जाता है कि कल रात मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन
भागवत से भेंट की. समझा जाता है कि उन्होंने उनसे मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया.
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी खुद आडवाणी के निवास पर आज गए और उनसे गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ने के पार्टी के निर्णय पर सहमत होने का आग्रह किया. आडवाणी इस सीट से पांच बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं. मोदी के अलावा अरुण जेटली, एम वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेता भी इस मुद्दे पर आडवाणी से मुलाकता कर कर चुके हैं.
जब मोदी, जेटली कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आडवाणी के साथ हुई बातचीत के क्या नतीजे निकले,
हालांकि सूत्रों ने बताया कि आडवाणी भोपाल से चुनाव लड़ने पर अडिग हैं. उनका तर्क है कि जैसे राजनाथ सिंह,
जेटली और मोदी आदि को अपनी सीट चुनने का अधिकार दिया गया है, उसी तरह उन्हें भी अपनी सीट पसंद करने
का अधिकार होना चाहिए.