सियासी गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहा हैं कि अगर लोकसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाती है तो पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की भूमिका ज्यादा अहम हो जाएगी. ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां नरेंद्र मोदी की बजाय राजनाथ सिंह को पीएम के तौर पर देखना चाहती हैं. ये तो कयास हैं, पर खबर है कि अगर एनडीए की सरकार बनती है तो राजनाथ सिंह कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे. वह पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे.
राजनाथ सिंह ने खुद यह साफ किया है कि वह सरकार का हिस्सा बनने के बजाय पार्टी अध्यक्ष पद पर ही बने रहना चाहेंगे. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार में छपी है.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने जानकारी दी कि अगले दो-तीन हफ्तों में जब सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी तो वह पार्टी में ही बने रहना चाहेंगे. राजनाथ सिंह ने इस बारे में पार्टी नेतृत्व के साथ संघ को भी जानकारी दे दी है.
आपको बता दें कि राजनाथ सिंह 2013 में पार्टी के अध्यक्ष बने थे. उनका तीन का साल कार्यकाल दिसंबर 2015 में खत्म होगा.
पार्टी जल्द ही विपक्ष से सत्ताधारी की भूमिका में आ सकती है है. ऐसे में राजनाथ सिंह इस बदलाव को सुचारू ढंग से लागू करना चाहते है. पार्टी 1999 वाली स्थिति नहीं चाहती है जब ज्यादातर सीनियर नेता सरकार में शामिल हो गए और पार्टी की बागडोर कम अनुभव वाले बंगारू लक्ष्मण और उनके बाद के जना कृष्णमूर्ति के हाथ में थी.
हालांकि यह तय है कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, एम वैंकेया नायडू, नितिन गडकरी व कुछ और नेताओं का कैबिनेट में शामिल होना तय है.