चुनाव नतीजों से पहले बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं की मुलाकातों का दौर जारी है. कहीं मंत्री पद की दावेदारी के कयास हैं तो कहीं किसी के मानमनौव्वल की कवायद है. ताजा खबर के मुताबिक दिग्गज नेता सुषमा स्वराज पार्टी से नाराज हैं. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की लेकिन वह नहीं मानीं. अब पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह चाहते हैं कि इस मामले में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दखल दें. ऐसे में राजनाथ ने आडवाणी से आग्रह किया है कि वह मोदी कैबिनेट में शामिल होने को लेकर सुषमा को मनाएं.
बताया जा रहा है कि सुषमा बुधवार से ही पार्टी से खफा हैं. बुधवार को ही राजनाथ और गडकरी ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी लेकिन वह नहीं मानीं.
सूत्रों के मुताबिक सरकार बनाने के चलते पार्टी में संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल हो सकता है. ऐसी स्थिति में बुधवार से ही आरएसएस और बीजेपी के आला नेताओं के बीच मुलाकात का दौर जारी है.
सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि राजनाथ सरकार में नंबर दो का रुतबा चाहते हैं. वह मोदी के तुरंत बाद अपना शपथ ग्रहण चाहते हैं.
गुरुवार सुबह करीब 7.30 बजे सूरज की किरणों ने अभी पैर पसारा ही था कि उमा भारती राजनाथ सिंह के घर पहुंच गईं. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अध्यक्ष ने उमा भारती को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी के बीच दूत की जिम्मेदारी सौंपी.
करीब 11 बज रहे होंगे जब उमा भारती- बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर पहुंच गईं. करीब चालीस मिनट तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई.
गडकरी से मुलाकात के बाद उमा सीधे आडवाणी के घर पहुंची. आडवाणी घर पर ही मौजूद थे. करीब आधे घंटे दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. दिलचस्प ये कि आडवाणी से मुलाकात के बाद उमा फिर से बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर पहुंच गईं. दूसरी बार उमा और गडकरी के बीच मुलाकात करीब आधे घंटे चली.
सरकार बनने से पहले बीजेपी में आडवाणी के रोल को लेकर टेंशन है. बताया जा रहा है कि आडवाणी से बात करने की जिम्मेदारी सुषमा स्वराज के कंधों पर डाली गई थी लेकिन जब बात नहीं बनी तो ये जिम्मेदारी उमा भारती को सौंपी गई.
दरअसल, सरकार बनने से पहले बीजेपी ये तय कर लेना चाहती है कि आडवाणी अपने लिए क्या भूमिका चाहते हैं. पार्टी उन्हें लोकसभा स्पीकर या एनएसी जैसे किसी कमेटी का चेयरमैन बनाना चाहती है. लेकिन आडवाणी अपने पत्ते नहीं खोल रहे.
इस बीच संघ और बीजेपी के बीच सेतु का रोल निभा रहे गडकरी के घर पर दूसरे नेताओं का भी आना जाना लगा रहा. उस वक्त घड़ी की सूइयां सुबह के करीब 11 बजे का वक्त बता रही होंगीं जब वरुण बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष के घर पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई ये नहीं कहा जा सकता लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि वरुण नई सरकार में अपने लिए जगह की ख्वाहिश लेकर पार्टी और संघ के बीच सेतु का काम कर रहे गडकरी के घर पहुंचे थे.
हलचल और मुलाकातों का दौर बढ़ गया है. लेकिन नई सरकार की तस्वीरें चंद घंटे बाद ही साफ हो पाएंगी- जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे.