रामपुर उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है. समाजवादी पार्टी और बीजेपी में जुबानी जंग भी जारी है. इस बीच आज तक से खास बातचीत में सपा नेता आजम खान ने अपना दर्द बयां किया है.
खान ने कहा, "मैं तो वोटर भी नहीं हूं, लिहाजा ये कहना कि मैं किस तरह से काम कर रहा हूं, यह तो एक ख्वाब है. मैं जानता हूं कि लोग मेरे हैं, मैं उनका हूं और इस शहर के जर्रे-जर्रे पर मेरे पसीने और खून की छींटे हैं".
ये रिश्ता कभी खत्म नहीं होगा
कहा कि "ये रिश्ता किसी दहशत या आतंक से खत्म नहीं किया जा सकता. दहशत और आतंक वक्ती तौर पर किसी को खौफजदा कर सकता है लेकिन गेंद जितनी जोर से नीचे मारी जाती है, उतनी ही ताकत से ऊपर जाती है".
बस देश से निकाले जाने की सजा रह गई
इसके बाद आजम तंज कसते हुए कहते हैं, "मुझे बस देश से निकाले जाने की सजा रह गई है. मैं अपने बेटे की उम्र साबित करने में नाकाम रहा. अस्पताल के सर्टिफिकेट को भी साबित नहीं कर सका. यह भी साबित नहीं कर सका कि मेटरनिटी लीव कब ली जाती है. अब लोगों को इंतजार है कि मेरे बाद मेरी औलाद को सजा कब तय होगी".
अल्लाह करे हर गली में ऐसा चोर हो
अपने चिर-परिचित अंदाज में खान ने कहा कि हमने एक शमा रोशन की थी जिसे बुझाने के लिए तूफान चल रहे हैं. फिर भी हमें कुदरत के फैसले का इंतजार है. खुद पर लगाए गए आरोपों और केस पर उन्होंने कहा कि अल्लाह से दुआ है कि हर गली में एक ऐसा शख्स पैदा हो जो किताबें चुराता हो और जिसने यूनिवर्सिटी बनाई हो.
अब्दुल अब पोछा भी लगाएगा
उधर, इस उपचुनाव में एक नाम अब्दुल है, जो कि काफी सुर्खियों है. ये महज एक नाम है जिसके जरिए आजम ने सियासी तंज कसा है. उन्होंने कहा "अब्दुल अब दरी ही नहीं बिछाएगा बल्कि पोछा भी लगाएगा. इसकी वजह ये है कि कुर्सियों पर अपराधी, लुटेरे, कातिल बैठे हैं. बीजेपी का स्टेज अपराधियों से भरा हुआ है".