भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने बीजेपी नेताओं के साथ मतभेदों को महज अटकलबाजी बताकर खारिज कर दिया और इसे मीडिया की उपज बताया.
राजन का यह बयान ऐसे समय आया है जब केंद्र में अगली सरकार बीजेपी की अगुवाई में बनने के अनुमान लगाए जा रहे हैं. बीजेपी नेताओं के साथ कथित मतभेदों के बारे में टिप्पणी करते हुए राजन ने कहा कि नई सरकार के साथ मेरी किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है. मेरी राय में मतभेद की बात मीडिया की उपज है. मेरा मानना है कि इन्हें वास्तविक मतभेदों के बजाय महज अटकलबाजी के रूप में देखा जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने मौजूदा आर्थिक समस्याओं से निपटने में उनकी नीतियों पर सवाल उठाया है. रिपोर्टों के अनुसार बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हम राजन के पद छोड़ने को अनुकूल बना सकते हैं. बीजेपी के कोषाध्यक्ष पीयूष गोयल ने भी ऐसी ही राय रखते हुए नीतिगत ब्याज दरों में लगातार वृद्धि को लेकर राजन की आलोचना की थी. राजन सितंबर 2013 में रिजर्व बैंक के गवर्नर बने थे और सात महीने के कार्यकाल में वे नीतिगत ब्याज दर में तीन बार वृद्धि कर चुके हैं.
इस दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर पिछले एक दशक में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है. केंद्र में नई सरकार 16 मई के बाद अस्तित्व में आएगी. सरकारी वित्त के विभिन्न मानदंडों जैसे चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति में सुधार, मुद्रास्फीति कम होने पर राजन ने कहा, यह सफलता रिजर्व बैंक की नहीं बल्कि पूरी तरह से वित्त मंत्रालय की है. हमने मिलकर काम किया और मेरा मानना है कि इसका एक फायदा यह हुआ कि अब वित्तीय मजबूती के मोर्चे पर पहले से बेहतर स्थिति है.