लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासी दलों ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस होते ही इस पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. कांग्रेस और बीजेपी ने चुनाव तारीखों के एलान का स्वागत किया है. दोनों पार्टियों ने कहा कि वो चुनावी महासमर के लिए तैयार हैं. बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिये अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा, 'चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को शुभकामनाएं और लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व की शुरुआत पर देशवासियों को बधाई.'
मोदी ने इस बार के चुनाव में पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे 10 करोड़ नए वोटरों का खास तौर पर स्वागत किया. उन्होंने कहा, 'आप भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.' मोदी ने कहा, 'आयोग ने सभी योग्य वोटरों को 9 मार्च को यह सुनिश्चित करने के लिए वो रजिस्टर्ड हैं, आखिरी मौका दिया है. इसके लिए मैं आयोग का शुक्रिया अदा करता हूं.'
मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव को विकसित भारत की नींव रखने के लिए ऐतिहासिक मौका करार दिया है. उन्होंने वोटरों से अपील की, 'मैं आप सभी से देश के लिए वोट करने और अपसी पसंद चुनने का अनुरोध करता हूं. बीजेपी के पीएम उम्मीदवार ने ट्वीट किया, 'मैं देश के लोगों से आशीर्वाद मांगता हूं कि वो बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को बहुमत से जिताएं और भारत की उन्नति के लिए मिशन 272+ को हकीकत बनाएं'.
हालांकि, सबसे पहली प्रतिक्रिया बीजेपी की तरफ से आई. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि इस बार केंद्र में उनकी पार्टी की ही सरकार बनेगी. त्रिवेदी ने कहा, 'चुनाव की हम पहले से तैयारी कर रहे हैं. एक लिस्ट आ गई है. उम्मीदवारों का चुनाव जल्द ही कर लिया जाएगा. सभी के लिए मैदान खुल गया है. कांग्रेस और सहयोगी दल इज्जत बचाने के लिए चुनावी मैदान में हैं. वहीं तीसरे मोर्चे के दल अपने प्रांतों में अपनी जमीन बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ नोविदत पार्टियां अपनी हैसियत बचाने के लिए चुनावी मैदान में हैं. सरकार बनाने के लिए केवल बीजेपी ही चुनाव मैदान में है.'
त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव का बिगुल बजते ही यूपीए सरकार को सत्ता हाथ से जाने की आहट सुनाई देनी चाहिए. लोग इस बार के चुनावों की तुलना 1977 के आम चुनाव से कर रहे हैं. बदलाव का समय आ गया है.सिंहासन खाली करो कि जनता आती है.'
बीजेपी के बाद कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई. पार्टी प्रवक्ता और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, 'ये चुनाव दो विचारधाराओं के बीच में है. एक परिवार और विचार ने इस मुल्क के लिए बलिदान दिया है. दूसरी तरफ वो शक्तियां हैं, जिनका विचारात्मक तौर पर नजरिया पूरी तरह से संकीर्ण है. उनका विश्वास सांप्रदायिकता में है. इसलिए 2014 का चुनाव विचार की लड़ाई है. इसमें कांग्रेस पार्टी के प्रचार की अगुवाई राहुल गांधी, सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह करेंगे. हम पिछले 10 साल में इस देश में मौन क्रांति लेकर आए हैं. हर क्षेत्र में लोगों का जीवन स्तर बढ़ा है. उनको लेकर हम लोगों के बीच जाएंगे.'
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा, 'सर्वे का हाल सभी को पता है. सीटों को लेकर कंट्रोवर्सी हो सकती है. लेकिन सरकार यूपीए की बनेगी. देश की जनता जानती है कि मेरे ऊपर कभी कोई आरोप नहीं रहे, तो केजरीवाल के कहने से क्या हो जाएगा.'
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'इस चुनाव की विशेषता रहेगी कि कांग्रेस मुक्त भारत हो जाएगा. एक निर्णायक नेतृत्व के लिए निर्णायक बहुमत देकर लोग बीजेपी को विजयी बनाएंगे. जैसे मोदी जी ने कहा, सीएम और पीएम की टीम देश के लिए काम करेंगी. 16 मई को हम बिल्कुल विजय के लिए तैयार हैं. हमें चुनाव आयोग पर नाज है. हम मर्यादाओं का पालन करते हुए चुनाव का स्वागत करते हैं. पूरी तरह से सहयोग देंगे.'शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'महाराष्ट्र में हमारी पार्टी के पक्ष में हवा है. एनडीए के लिए सबसे ज्यादा ताकत यहीं से जाएगी. 'आप' का महाराष्ट्र में कोई वजूद नहीं है. एक मेधा पाटकर के अलावा किसी को नहीं जानते. रही बात एमएनएस की तो वो तीन चार चुनाव लड़ चुके हैं. सभी को हक है. मैदान में कोई भी हो, हमें मतलब नहीं है, शिवसेना शिवसेना है.'
यूपीए सरकार में मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, 'लोकसभा चुनाव के लिए हमारी पार्टी और मैं खुद तैयार हैं. मुझे नहीं लगता कि दिल्ली या कहीं और चुनाव लड़ने के लिए समय कम है. 575 बार इलाके में गए हैं. काम किया है. हमें कोई दिक्कत नहीं है. कोई भी चुनाव आसान नहीं होता. चाहे आज हो या कल हो या पांच साल बाद.'बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हम इसका स्वागत करते हैं. बहुत दिनों के बाद देश में ऐसा चुनाव हो रहा है, जिसकी प्रतीक्षा सिर्फ राजनीतिक दल ही नहीं, देश की जनता कर रही थी. देश बदलाव के लिए बेचैन है. आज उस प्रक्रिया की औपचारिकता की शुरुआत हो गई. हम इस पूरे निर्णय का स्वागत करते हैं. स्वागत योग्य है कि देश के मतदाताओँ की संख्या में 10 करोड़ की बढ़ोतरी हुई. अब ये 85 करोड़ हो गए हैं.'
प्रसाद ने कहा, 'आने वाला चुनाव होगा, बेरोजगारी पर, विकास के अभाव पर, भयंकर भ्रष्टाचार पर. कांग्रेस पार्टी कमाल कर रही है. चुनावी तारीख आने तक नए नए गुल खिला रही है. जो मोदी जी और बीजेपी से परेशान हैं, वे घिसा पिटा सांप्रदायिकता का कार्ड खेलने की कोशिश करेंगे. मगर देश इससे आगे जा चुका है.'
केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं बस यही चाहता हूं कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव हो. अच्छी बात है कि हमारे सूबे में कई चरणों में चुनाव हैं, बर्फबारी का असर कम हो जाएगा. इस चुनाव में मोदी और राहुल ही नहीं, केजरीवाल साहब भी हैं. काफी गरमागरमी रहेगी. हर तरफ से लोग अपना प्रचार रखेंगे, फिर लोगों तक है. किससे वह उम्मीद रखते हैं. केजरीवाल के आने से फर्क तो पड़ा है. दिल्ली में सबने देखा.'
चुनाव पूर्व सर्वे पर अब्दुल्ला ने कहा, 'ये गलतफहमी अखबार नवीसों ने पैदा की है. पेड न्यूज की गई कि इतना आएगा, उतना आएगा. मेरा मानना है कि यूपीए 3 भी आ सकता है.' राम विलास पासवान की एनडीए में वापसी पर उन्होंने कहा, 'पासवान के पास है क्या. कुछ भी नहीं है.'
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 'लोग कांग्रेस और बीजेपी दोनों से मुक्ति चाहते हैं. यही इस इलेक्शन का मेन एजेंडा है. और इसी को ध्यान में रखकर हम देश के तमाम गैर कांग्रेसी गैर बीजेपी दलों को सांप्रदायिकता के खिलाफ लडा़ई के लिए एकजुट कर रहे हैं.'