संघ के सह संपर्क प्रमुख राम माधव ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प थे. उन्होंने कहा कि अगर मोदी पीएम उम्मीदवार नहीं होते तो बीजेपी को इतना जनाधार नहीं मिलता.
राम माधव के बातचीत के मुख्य अंशः
सवालः बीजेपी के बाकी नेताओं से ज्यादा संघ को मोदी पर विश्वास है, ऐसा क्यों?
जवाबः बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं का हम सम्मान करते हैं. पार्टी ने एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में रखा. पार्टी ने जरूर सोचा होगा कि व्यापक जनाधार रखने वाला व्यक्ति मोदी हैं. मोदी की जगह अगर कोई और लीडर होता तो क्या बीजेपी यहां तक पहुंच पाती? आज मोदी उम्मीदवार हैं तो जनसमर्थन मिल गया है.
सवालः नरेंद्र मोदी में ऐसा क्या नजर आया जो संघ इतना खुलकर सामने आया और अपना उम्मीदवार बनाया?
जवाबः संघ इतना खुलकर सामने आया क्योंकि देश के अंदर एक परिवर्तन की जरूरत थी. देश की जनता को समझाने के लिए जहां तक नरेंद्र मोदी जी का सवाल है पार्टी के सर्वसम्मति उम्मीदवार के रूप में आए. अनुभव ये था पिछले दो-तीन महीनों में देश का एक व्यापक जनसमर्थन शायद देश में आजादी के बाद ही था बहुत बड़ा व्यापक जनसमर्थन प्राप्त करने वाले एक नेता के रूप में उभरे. मेरे लिए खुशी की बात है सबके लिए खुशी की बात है और ये कहना कि वो आरएसएस के चहेते है यह सही नहीं है. पार्टी ने उनको अपनी तरफ से आगे लाया है.
सवालः संघ ने आगे बढ़ाया उनका नाम लेकिन संघ की मुहर थी पार्टी के तमाम रिजर्वेशन के बाद फाइनल कॉल लिया. संघ ने कहा इस बार नरेंद्र मोदी को उम्मीदवार बनाया जाए क्योंकि उनकी लहर है. ये संघ की ओर से आया मोहर तमाम संघ के लीडर हैं.
जवाबः लोगों के इंटरप्रिटेशन से जो निर्णय प्रक्रिया शुरू हुई भाजपा के गोवा के अधिवेशन में वहां उनको प्रचार का दायित्व देकर आगे बढाया. पार्टी के अंदर विचार-विमर्श होने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पार्टी ने घोषित किया है.
सवालः लेकिन संघ की क्या राय थी संघ की मुहर तो थी?
जवाबः संघ की मुहर थी कि पार्टी के सब नेता जो भी निर्णय लेते हैं वो हमारे लिए अच्छा है.
सवालः लेकिन मोदी प्राथमिकता थे संघ की ओर से जो माहौल था उसको देखकर?
जवाबः मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला पार्टी के सभी नेताओं ने मिल कर लिया था. ये फैसला पार्टी मिलकर एकमत होकर लेती है. संघ कभी भी दूसरा मत नहीं बताता.
सवालः पहली बार ऐसा देखा गया है कि संघ इतना खुलकर सामने आया किसी नेता के लिए. बीजेपी के प्रचार के लिए खासतौर से नरेंद्र मोदी के लिए ग्राउंड लेवल से जुड़ा रहा संघ. संघ के कार्यकर्ता अधिकारी इसमें शामिल रहे ऐसा क्यों?
जवाबः इमरजेंसी के बाद उस समय देश की स्थिति को ध्यान में रखकर उस समय देश के अंदर लोकतंत्र को बचाने के लिए चुनाव में काम किया था. उसके बाद इतना व्यापक कार्य करने का मौका इस बार संघ के समर्थकों के पास आया था. इस बार संघ समर्थकों ने दो काम किए हैं, पहला घर-घर जाकर जो देश की बड़ी चुनौतियां हैं उनके प्रति जनता को जागरुक करना. आज की सरकार देश की स्थिति का कारण थी इसलिए इस सरकार को बदलना आवश्यक है यह बात लोगों को समझाना. दूसरा देश में वोटिंग का प्रतिशत बढ़े इसलिए हर वोटर को वोटिंग के लिए प्रोत्साहित करना ये दो काम संघ की तरफ से किया गया है. एक देशभक्त नागरिक के नाते ये हमारा कर्तव्य है.
सवालः अगर नरेंद्र मोदी पीएम पद के उम्मीदवार नहीं होते और बीजेपी का कोई और नेता इस पद का उम्मीदवार होता तो संघ की क्या भूमिका रहती?
जवाबः मोदी जी उम्मीदवार थे, देश की जनता ने उन्हें चुना ये सच्चाई है.
सवालः लेकिन संघ का इतना खुलकर सामने आने के पीछे मोदी भी एक कारण रहे होंगे?
जवाबः हमारे लिए देश की परिस्थति कारण थी. पिछले दस सालों में जो परिस्थति देखी है, देश की सुरक्षा को लेकर, भ्रष्टाचार को लेकर, सामाजिक ताना-बाना टूटने की स्थिति को लेकर उसे देखकर हमें लगा कि वर्तमान सरकार बदली जाए.
सवालः एग्जिट पोल सर्वे में दिखाया जा रहा है कि बीजेपी सत्ता में आएगी, इसके पीछे का कारण मोदी की लहर थी या संघ की मेहनत?
जवाबः देश में वोटिंग प्रतिशत इस बार ज्यादा बढ़े हैं. कई राज्य में वोट प्रतिशत बढ़ा, उसका कुछ श्रेय संघ को भी देना पड़ेगा. क्योंकि हमने प्रयास किया कि वोटिंग के दिन वोटर जरूर जाए. ये देश के जनमानक का रिफ्लेक्शन है. आकंड़े क्या होंगे ये 16 तारीख को पता चलेगा. एक बात स्पष्ट है कि जिस संदेश को लेकर हमारे कार्यकर्ता जनता के बीच में गए थे कि परिवर्तन चाहिए या सरकार बदलनी चाहिए उस तरफ देश का जनादेश रहने वाला है, इतना एग्जिट पोल कहता है.
राम माधव ने से कहा, 'एग्जिट पोल तो यही बता रहे हैं कि लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया है. उम्मीद करते हैं कि बीजेपी को बहुमत मिलेगा.'
उन्होंने कहा, 'ज्यादातर एग्जिट पोल यही बता रहे हैं कि एनडीए को अपने दम पर बहुमत मिलेगा. बीजेपी के आरएसएस के इशारे पर काम करने वाला दावा बेहद ही बचकाना है. किसी भी राजनीतिक पार्टी को सुझाव की जरूरत नहीं है.'
बीजेपी में सीनियर नेताओं की अनदेखी पर उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि मोदी जी सबको साथ लेकर चलेंगे. मोदी खुद टीम वर्क में विश्वास करते हैं.'