नरेंद्र मोदी किस सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल का अभी तक किसी के पास मुकम्मल जवाब नहीं है. अब मोदी की सीट का मामला संघ परिवार के पाले में चला गया है. आरएसएस की अंतिम मुहर के साथ ही यह फाइनल होगा कि मोदी वाराणसी से लड़ेंगे या लखनऊ से.
बैंगलुरु में आरएसएस की प्रतिनिधि सभा में फैसले के बाद 8 मार्च को बीजेपी के पीएम उम्मीदवार की सीट का ऐलान हो सकता है.
वैसे सीट के बहाने बीजेपी के भीतर का झगड़ा सड़क पर दिख रहा है. वाराणसी में में मुरली मनोहर जोशी के समर्थन में पोस्टर लग चुके हैं. वाराणसी की गलियों और चौराहों पर जोशी के बधाई पोस्टरों ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया. पोस्टर पर होली की बधाई के साथ लिखा हुआ है, 'बोले काशी विश्वनाथ, डॉ. जोशी का देंगे साथ'. इस स्लोगन ने मोदी और जोशी कार्यकर्ताओं को आमने सामने ला दिया है.
वाराणसी से मुरली मनोहर जोशी सांसद हैं, जो सीट खाली करने को तैयार नहीं. अब यूपी के नेता मोदी को लखनऊ से चुनाव लड़ने का न्योता दे रहे हैं, जहां खुद पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नजरें टिका रखी हैं.
जहां तक आरएसएस की बात है, उसकी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 7 मार्च से शुरू हो रही है. देश भर से संघ के कम से कम 1400 चुने हुए प्रतिनिधि और पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने कहा कि सभा में कोई भी राजनीतिक निर्णय नहीं लिया जाएगा. उनका कहना है कि सभा केवल संघ के कामकाज पर चर्चा करने और उसका मूल्यांकन करने के लिए है.
वैसे बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह और महासचिव (संगठन) रामलाल भी 8 मार्च को सभा में हिस्सा लेने वाले हैं. औपचारिक तौर पर आरएसएस यही कहता आया है कि बीजेपी अपने फैसले खुद लेती है, उस पर संघ का कोई दबाव नहीं या हस्तक्षेप नहीं रहता है.