शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' की संपादकीय में आज एनसीपी पर हमला करते हुए उसे मौकापरस्त बताया. वहीं बीजेपी के साथ नरमी बरतते हुए शिवसेना-भाजपा गठबंधन के संकेत भी दिए गए हैं.
संपादकीय में एनसीपी की निंदा करते हुए कहा गया है कि बीजेपी के नेताओं ने हमेशा शरद पवार की पार्टी पर जमकर हमले बोले हैं लेकिन फिर भी एनसीपी ने बिना शर्त समर्थन की घोषणा कर दी. ये दिखाता है कि ये पार्टी सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है. गौरतलब है कि चुनाव नतीजों के बाद एनसीपी ने सबसे बड़े दल के रूप में उभरे बीजेपी को बिना शर्त समर्थन की घोषणा कर दी थी. पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने तर्क दिया था कि एनसीपी महाराष्ट्र के हित में स्थिर सरकार चाहती है. इसलिए वह बीजेपी को बिना शर्त समर्थन दे रही है. सामना ने एनसीपी के इस तर्क को भी भरोसे लायक नहीं बताया.
संपादकीय ने शुरुआत भले ही एनसीपी की निंदा के साथ की हो लेकिन अंत में वह बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की तरफ आ जाती है. गठबंधन के संकेत देते हुए कहा गया है कि महाराष्ट्र में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला है. राज्य के विभाजन की मांग करने वालों को जनता ने नकार दिया है. ऐसे में जरूरत है कि समान सोच वाले साथ मिलकर महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करें. राज्य को मौकापरस्तों से बचाने के लिए राष्ट्रवादियों को साथ मिलकर रहना होगा.