कांग्रेस बड़ी बेताबी से बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट पर किसी दमदार उम्मीदवार को उतारने की जुगत में है, लेकिन बार-बार उसके हाथ निराशा ही लग रही है. लोकसभा चुनाव में मोदी के बढ़ते कद को देखते हुए कांग्रेस की चीफ इलेक्शन कमिटी सारे विकल्पों पर विचार कर रही है. इसी के तहत मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया था. लेकिन 'क्रिकेट के भगवान' ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
वर्तमान में सचिन तेंदुलकर राज्यसभा के सांसद हैं और खबरों में कहा जा रहा है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते. इससे पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी हाईकमान से सचिन को स्टार प्रचारक बनाने की मांग की थी. हालांकि उस वक्त भी सचिन ने चुनाव अभियान में किसी भी तरह की भूमिका निभाने से साफ इनकार कर दिया था.
आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर के सम्मान में इंडिया टुडे ग्रुप ने मुंबई में 'सलाम सचिन' नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा था कि सचिन के राजनीति में आने का सवाल ही नहीं है. शुक्ला ने कहा था कि सचिन ने अपने पिता से तीन अहम वादे किए थे, कभी सिगरेट नहीं पिएंगे, कभी शराब नहीं पिएंगे और कभी राजनीति में नहीं जाएंगे.
इस बीच, यूपी कांग्रेस ने मोदी के खिलाफ पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अजय राय का नाम सुझाया है. अजय राय ने बीजेपी छोड़ने के बाद साल 2009 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. यूपी कांग्रेस का मानना है कि अजय राय बनारस में खासे लोकप्रिय हैं. वे 15वीं लोक सभा के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे.
2004 में कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा दो लाख वोटों से जीत कर संसद पहुंचे थे. लेकिन 2009 में बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी ने वाराणसी से जीत हासिल की और मिश्रा चौथे नंबर पर खिसक गए थे. उस वक्त समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट अजय राय तीसरे स्थान पर रहे थे.
कांग्रेस की चीफ इलेक्शन कमिटी मोदी के खिलाफ किसी स्थानीय ब्राहम्ण उम्मीदवार को भी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है.