दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर सटोरियों ने लगभग ढाई हजार करोड़ का सट्टा लगाया है. इसमें सबसे बड़ा दांव बीजेपी के लिए लगाया गया है और सबसे कम भाव है आम आदमी पार्टी के लिए. सटोरियों का समीकरण कहता है कि आम आदमी पार्टी 5 सीटों पर सिमट सकती है.
सत्ता के नाम पर सटोरियों ने इतना बड़ा बाजार कभी नहीं सजाया. फोन लाइन चालू हैं, भाव तय हो रहे हैं और सियासत के सिकंदरों की सांसें चढ़ी हुई हैं. दिल्ली के हर दल का बल तौला जा रहा है. राजनीति का ऐसा अर्थशास्त्र किसी ने पहले शायद ही कभी देखा होगा.
वोटिंग पैटर्न को छोड़ दीजिए, जनमत सर्वेक्षणों को किनारे रख दीजिए, अनुमान और विश्लेषण भी अब काम के नहीं रहे. अब तो दिल्ली की सत्ता के खेल में सट्टा चल रहा है. सट्टा चरम पर है क्योंकि पांच राज्यों में सबसे धुंधली सूरत दिल्ली की ही है. सरकार दिल्ली में जरूर बननी है लेकिन भाव गुजरात, राजस्थान और मुंबई के सटोरियों ने खोल रखा है.
बीजेपी को 25 से 30 सीट के लिए भाव 15 पैसा दिया गया है.
कांग्रेस को 20 से 25 सीट के लिए भाव 90 पैसा दिया गया है.
AAP को 5 सीट के लिए भाव 1 रुपया 80 पैसा दिया गया है.
मुंबई के सटोरियों ने दिल्ली की सरकार का भाव खोला तो इंदौर के सटोरियों ने भी पूरजोर लगाकर शटर उठा दिया. एक का दो, दो का चार, चार का आठ, बिल्कुल इसी तर्ज पर.
बीजेपी को 30 से 32 सीट के लिए भाव 15 पैसा दिया गया है.
कांग्रेस को 28 से 30 सीट के लिए भाव बढ़ाकर 1 रुपया 20 पैसा दिया गया है.
आम आदमी पार्टी को 5 सीट के लिए भाव 1 रुपया 80 पैसा दिया जा रहा है.
सत्ता का अपना समीकरण होता है और सट्टे का अपना अलग, पहली बार दोनों गले मिले हैं. अब देखना होगा कि यह जुगलबंदी क्या गुल खिलाती है.