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बिहार चुनाव में शर्मनाक हार के बाद शकुनी चौधरी ने लिया संन्यास

बिहार चुनाव में शर्मनाक हार के बाद भाजपा की सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राज्य अध्यक्ष शकुनी चौधरी ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया और चुनावी राजनीति छोड़ने की घोषणा की.

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बिहार चुनाव में शर्मनाक हार के बाद भाजपा की सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राज्य अध्यक्ष शकुनी चौधरी ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया और चुनावी राजनीति छोड़ने की घोषणा की. पटना में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चौधरी ने हम के राज्य अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की. जदयू से निकाले जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने हम पार्टी का निर्माण किया था.

जीतन राम मांझी की पार्टी के राज्य प्रमुख ने कहा, ‘मेरी सारी इच्छाएं पूरी हो गई हैं और इसलिए मैं चुनावी राजनीति छोड़ने की घोषणा करता हूं.’ मुंगेर में तारापुर सीट से जदयू के मेवालाल चौधरी ने करीब 12,000 मतों से चौधरी को शिकस्त दी थी. वहीं खगड़िया सीट से मौजूदा विधायक पूनम देवी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उनके बेटे राजेश कुमार को भी हार का मुंह देखना पड़ा.

हम राजग गठबंधन की महत्वपूर्ण सहयोगी थी जो बिहार चुनाव में बुरी तरह से धराशायी हो गई और राजग के नेतृत्व में 21 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी महज एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई. केवल इसके प्रमुख जीतन राम मांझी गया में इमामगंज :आरक्षित: सीट से चुनाव जीत पाए. मांझी को अपनी मौजूदा सीट मखदूमपुर गंवानी पड़ी.

शकुनी चौधरी ने सेना में 15 साल सेवा करने के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी और राजनीति में उन्होंने लंबी पारी खेली. पहली बार 1980 में उन्होंने राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ा और वह सात बार विधायक निर्वाचित हुए और खगड़िया से एकबार सांसद भी रहे. पूर्ववर्ती राजद सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं. लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के लंबे समय तक सहयोगी रहे चौधरी ने इस जबर्दस्त जीत पर उन्हें बधाई दी और विश्वास जताया कि वे बिहार को विकास के पथ पर आगे ले जाएंगे.

इनपुट- भाषा

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