बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक ओर बिहार चुनाव में अपनी पार्टी की जबरदस्त हार पर अफसोस जाहिर किया. दूसरी ओर जीत पर महागठबंधन के नेताओं की तारीफ भी की. उन्होंने माना कि पार्टी नेताओं की गलत भाषा चुनाव में हार की बड़ी वजह बनी.
आज तक से खास बातचीत में बिहारी बाबू ने कहा, 'हमारे दोस्त नीतीश जी और लालू जी ने गजब का परिणाम दिया. ऊपर से राहुल गांधी ने इस सोने पर सोहागा बनने का काम किया.' उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, बीजेपी खूब मेहनत और खर्च करके भी कामयाबी हासिल नहीं कर सकी, जो चिंता की बात है.
'जंगलराज' बोलना भारी पड़ा
यह पूछे जाने पर कि आखिर चूक कहां रह गई, शत्रुघ्न ने कहा, 'जिस तरह से बीजेपी के नेता चुनाव प्रचार के दौरान निगेटिविटी की ओर ज्यादा बढ़ गए, जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया गया, वह हमारे खिलाफ चला गया.' उन्होंने कहा कि 'जंगलराज' के बहुत सारे लोग समर्थक भी थे और प्रशंसक भी थे. ऐसे में बार-बार यह शब्द कहना भारी पड़ गया.
बिहारी अस्मिता की वजह से झटका
हार के अन्य कारणों का जिक्र करते हुए शत्रुघ्न ने कहा, 'अब मुझे लगता है कि जिस तरह डीएनए वाली बात हुई, शैतान वाली बात हुई, उससे बिहार के लोगों की अस्मिता पर भी असर पड़ा और नतीजा हमारे खिलाफ पड़ गया.' उन्होंने कहा, 'मोहन भागवत ने आरक्षण का मुद्दा उठाया. तब मैंने कहा था कि उनकी बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत है.'
आखिर मेरा कसूर क्या है?
अपने खिलाफ पार्टी की संभावित कार्रवाई का जिक्र किए जाने पर शत्रुघ्न ने कहा, 'मुझ पर क्यों कोई कार्रवाई हो सकती है? आखिर मेरा कसूर क्या है? मैंने तो पार्टी को समय रहते आगाह किया. मैंने हमेशा पार्टी के हित में बात की. मैंने दाल की कीमत पर अंकुश लगाने की बात की. इसमें गलत क्या है?'
बिहारी बाबू को ही नहीं बुलाया!
चुनाव प्रचार में अपनी भागीदारी न होने पर उन्होंने कहा, 'मैंने तो सभी से कहा कि मुझसे बात करें, पर किसी ने बात नहीं की. बिहारी बाबू को ही नहीं बुलाया. मेरे आने से कुछ तो असर पड़ता ही...शायद कुछ लोगों को लग रहा था कि हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे.'
दिल्ली में बन गए 'स्कूटर पार्टी'
दिल्ली चुनाव के नतीजों को याद करते हुए शत्रुघ्न ने कहा, 'दिल्ली में तो हम स्कूटर पार्टी बनकर रह गए, जबकि कई नेताओं ने वहां प्रचार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी.' उन्होंने कहा कि हार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.