होली के दिन शिवसेना को तगड़ा झटका लगा है. शिवसेना के सीनियर नेता राहुल नार्वेकर ने पार्टी छोड़कर एनसीपी का दाम थाम लिया है. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले अपने नेता के पार्टी छोड़ने से गुस्साए शिवसैनिकों ने जमकर हंगामा किया और एनसीपी दफ्तर पर प्रदर्शन किया.
होली के रंग में सराबोर शिवसैनिकों को सोमवार को जैसे ही पता चला की राहुल नार्वेकर ने एनसीपी का दामन थाम लिया है, उनकी खुमारी ही उतर गई. सैकड़ों की तादाद में शिवसैनिक एनसीपी दफ्तर के बाहर पहुंच गए जहां एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल नार्वेकर के पार्टी में शामिल होने की आधिकारिक रूप से जानकारी दे रहे थे.
एनसीपी कार्यकर्ता भी पीछे नहीं हटे और वो भी पहुच गए शिवसैनिकों से मुकाबला करने. गनीमत रही कि पुलिस मौके पर मौजूद थी और सभी शिवसैनिकों को हिरासत में ले लिया गया. राहुल नार्वेकर शिवसेना के प्रवक्ता भी थे. उनका कहना है कि शिवसेना के कुछ नेताओं ने उनके साथ धोखा किया है.
राहुल नार्वेकर के एनसीपी में शामिल होने के साथ ही मावल सीट से लोकसभा चुनाव का टिकट भी मिल गया है. इसके पहले शिर्डी से शिवसेना सांसद भाउसाहेब वाकचौरे, मावल से शिवसेना के पूर्व सांसद गजानन बाबर, परभनी के शिवसेना नेता गणेश दुध्गावाकर और कल्याण के आनंद परांजपे ने पहले ही शिवसेना को अलविदा कह दिया है.
अजित पवार की मानें तो अब भी शिवसेना के कई नेता उनके संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, 'अगर मैं बोल दूं कि शिवसेना के कितने लोग मेरे संपर्क में हैं तो शिवसेना के बड़े नेताओं की नींद हराम हो जाएगी.'
शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की नजदीकियां किसी से छुपी नहीं थी. लेकिन राहुल नार्वेकर का शिवसेना को छोड़कर एनसीपी में शामिल होने से साफ है कि जब बात राजनीति की आती है तो सारे रिश्ते पीछे छूट जाते हैं.