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असम हिंसा के लिए मोदी को जिम्‍मेदार ठहराने पर कांग्रेस पर भड़की शिवसेना

एनडीए में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी शिवसेना ने नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा है, 'कांग्रेस पार्टी का दिमाग घूम गया है. देश के अंदर घटने वाली हर घटना और भविष्‍य की सारी घटनाओं का ठीकरा मोदी के सिर फोड़ा जा रहा है.'

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शिवसेना अध्‍यक्ष उद्धव ठाकरे
शिवसेना अध्‍यक्ष उद्धव ठाकरे

एनडीए में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी शिवसेना ने नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा है, 'कांग्रेस पार्टी का दिमाग घूम गया है. देश के अंदर घटने वाली हर घटना और भविष्‍य की सारी घटनाओं का ठीकरा मोदी के सिर फोड़ा जा रहा है.' गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्‍बल ने मोदी पर भड़काऊ भाषण देने और असम में सांप्रदायिक माहौल बनाने का आरोप लगाया था.

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शिवसेना का कहना है, 'जब असम में बांग्‍लादेशी मुसलमानों की हत्‍या होती है तो सोनिया गांधी वहां आश्‍वासन देने तुरंत पहुंच जाती हैं लेकिन जब कश्‍मीर में किसी हिंदू को मारा जाता है तो सोनिया तो दूर कपिल सिब्‍बल जैसे नेता भी नहीं पहुंचते.'

सिब्‍बल पर निशाना साधते हुए शिवसेना पार्टी ने कहा, 'कपिल सिब्‍बल के मुताबिक मोदी मतलब 'मॉडल ऑफ डिवाइडिंग इंडिया'. जबकि ये बात कांग्रेस पर लागू होती है. तोड़ो, फोड़ो और राज करो, अंग्रेजों की इसी नीति की बदौलत कांग्रेस ने अब तक राज किया है.'

शिवसेना ने केंद्र की यूपीए सरकार में कांग्रेस के सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ कपिल सिब्‍बल ही नहीं, बल्कि जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री ने भी असम की घटना के लिए मोदी को जिम्‍मेदार ठहराया है. संपादकीय में कहा गया है, 'कश्‍मीर में लगातार होने वाली हिंसा से कश्‍मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ता है. उसकी चिंता करने की बजाय, उमर अब्‍दुल्‍ला को इस बात की चिंता है कि असम में बोडो आंदोलनकारी बांग्‍लादेशी मुसलमानों को गोली मार रहे हैं.'

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'16 मई के बाद पागलखाने में होंगे कांग्रेसी'
शिवसेना कहा कि कांग्रेस के लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ है. 16 मई के नतीजों के बाद इन्‍हें मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ सकता है. संपादकीय में कहा गया है, 'मोदी देश को तोड़ रहे हैं, यह आरोप ऐसा है मानो विदेशी दारू चढ़कर दूसरे के मुंह से आ रही गंध पर ऊंगली उठाना. सवाल सिर्फ असम का नहीं है, बल्कि पूरे देश के अस्तित्‍व का है.'

शिवसेना का कहना है कि असम के भूमिपुत्र बोडो आदिवासी देश में घुसे बांग्‍लादेशियों से बेहद परेशान हैं. उनकी जमीन छीनी जा रही है. बोडो आदिवासी अपनी जमीन और जिंदगी बचाने के लिए लड़ रहे हैं, जो कांग्रेस को गुनाह लग रहा है. कश्‍मीर में जिस तरह हिंदुओं और कश्‍मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा, ठीक उसी तरह असम से बोडो भाग जाएं. अगर सिब्‍बल जैसे कांग्रेसी नेताओं को लगता है तो यह देशद्रोह है.

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